मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर औद्योगिक और सामाजिक गिरावट और भ्रष्टाचार के कारण पश्चिम बंगाल को शर्मसार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वाम शासन की तुलना में टीएमसी शासन में राज्य की हालत और खराब हो गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल की प्रमुख हस्तियों के साथ बातचीत करते हुए वित्तमंत्री ने दावा किया कि हालांकि सत्तारूढ़ दल का नारा मां, माटी, मानुष था, लेकिन टीएमसी सरकार के तहत इन्हीं तीनों- महिला, भूमि और लोग को सबसे अधिक बदनाम किया गया। सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल का ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मासिक प्रति व्यक्ति व्यय देश में सबसे कम है। यह पूर्वोत्तर के आठ राज्यों से कम है। इसका मुख्य कारण उद्योग का पलायन और रोजगार सृजन में कमी है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, सीतारमण का आरोप है कि बड़े पैमाने पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार हो रहा है। इस वजह से पश्चिम बंगाल में उद्योग घट रहा है। उन्होंने दावा किया कि सक्रिय सरकार की अनुपस्थिति के कारण राज्य चिप निर्माण में असम से पिछड़ गया। उन्होंने दावा किया कि बंगाल के लोगों की जिम्मेदारी है कि वे विनिर्माण क्षेत्र का गौरव वापस लाएं। 1947 में यह 24 प्रतिशत था और अब तीन प्रतिशत से भी कम हो गया है। उन्होंने आम लोगों को ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, संदेशखाली विवाद पर सीतारमण ने दावा किया कि राज्य सरकार ने मुख्य आरोपी को 55 दिनों तक बचाया। वे अब पीड़ित महिलाओं को डराने की कोशिश कर रहे हैं। सीतारमण का आरोप है कि संदेशखाली के अलावा कई बार पीड़ितों को शर्मसार किया गया है। इसके अलावा, राज्य में लोगों को मिल रही केंद्रीय योजनाओं के फायदे पर भी प्रकाश डाला। बंगाल के लोगों से अपने अतीत के गौरव को वापस लाने के लिए फिर से उठने का आग्रह किया। सीतारमण ने दिल्ली सीएम केजरीवाल की निंदा की क्योंकि उन्होंने अपने सचिव पर आरोपों के बाद भी कार्रवाई नहीं की।
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