Maharashtra: कुख्यात नक्सली ने पत्नी के साथ किया आत्मसमर्पण, उपमुख्यमंत्री ने की गढ़चिरौली पुलिस की सराहना

0
26
Maharashtra: कुख्यात नक्सली ने पत्नी के साथ किया आत्मसमर्पण, उपमुख्यमंत्री ने की गढ़चिरौली पुलिस की सराहना
(गिरिधर और संगीता ने उपमुख्यमंत्री के सामने किया आत्मसमर्पण) Image Source : ANI

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में कुख्यात नक्सली नांगसू तुमरेती उर्फ गिरिधर ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजदगी में अपनी पत्नी के साथ शनिवार को आत्मसमर्पण किया। उसके नाम पर 170 से अधिक मामल दर्ज हैं। उसके सिर पर 25 लाख रुपये का भी इनाम रखा गया था। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गिरिधर की पत्नी संगीता उसेंडी उर्फ ललिता पर 17 मामले दर्ज हैं। उसके सिर पर 16 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। उन्होंने बताया कि गिरिधर 1996 में एटापल्ली दलम में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में शामिल हुआ था।  वह गढ़चिरौली में संगठन की गतिविधियों का प्रमुख था।    उन्होंने आगे बताया कि गिरिधर के खिलाफ 179 मामले दर्ज हैं। जिनमें से 86 मुठभेड़ और 15 आगजनी के हैं। उसकी पत्नी संगीता पर 17 मामले दर्ज हैं। उसके सिर पर 16 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार से गिरिधर को 15 लाख रुपये और ललिता को 8.50 लाख रुपये मिलेंगे।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पत्रकारों से बातचीत करते हुए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गिरिधर के आत्मसमर्पण से गढ़चिरौली में नक्सल आंदोलन की कमर टूट गई है। उन्होंने नक्सली समस्या को खत्म करने और नक्सलियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए गढ़चिरौली पुलिस के प्रयासों की सराहना की।  फडणवीस ने कहा, नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस और प्रशासन को बड़ी कामयाबी मिली है। माओवाद की रीढ़ माने जाने वाले गिरिधर और उसकी पत्नी दोनों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया है। गिरिधर पर 25 लाख रुपये और उसकी पत्नी पर 16 लाख रुपये का इनाम था। उन्हें गढ़चिरौली में नक्सली गतिविधियों के प्रमुख के रूप में देखा जाता था। आझ गढ़चिरौली में हमारे सी-60 बल ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि या तो माओवादियों को आत्मसमर्पण करना पड़ेगा या परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, बीते चार वर्षों में गढ़चिरौली में एक भी व्यक्ति नक्सली गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ है। यह अब कोई भर्ती नहीं है। पुलिस उन्हें दूरदराज के इलाकों में ले जा रही है। गढ़चिरौली को महाराषष्ट्र का आखिरी छोर माना जाता था। लेकिन उस चीज को बदल दिया है। अब हम इसे महाराष्ट्र के पहले जिले के रूप में देखते हैं।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here