मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण रोक दिया है। 802 किलोमीटर के ग्रीनफील्ड हाईवे प्रोजेक्ट के किनारे की सीटों पर लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन शिवेसना-भाजपा-राकांपा को हार का सामना करना पड़ा था। किसानों के विरोध को देखते हुए सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने का फैसला लिया है। बता दें कि इस परियोजना से राज्य के खजाने पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। परियोजना की घोषणा पहली बार सितंबर 2022 में की गई थी। वहीं, 2023-24 के बजट में इसके लिए पैसों की मंजूरी दी गई। वहीं, फरवरी 2024 में राज्य सरकार ने परियोजना को हरी झंडी दे दी थी। यह हाईवे 11 जिलों (वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, लातूर, बीड, धाराशिव, सोलापुर, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग से होकर गुजरेगा। इसलिए इसका नाम शक्तिपीठ रखा गया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के लिए 8419 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, इसमें से 8100 हेक्टेयर निजी कृषि भूमि है, जिसके चलते किसानों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद सरकार ने इसे रोकने का फैसला किया। अक्टूबर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तब तक परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर रोक रहेगी। वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, सरकार ने किसानों के विरोध को देखते हुए भूमि अधिग्रहण रोकने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अब यह मुद्दा खत्म हो गया है।
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