Maldives: मालदीव के क्षमता से ज्यादा खर्च पर विश्व बैंक ने दी ऋण संकट की चेतावनी, कहा- GDP से 110% ज्यादा कर्ज

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Maldives: मालदीव के क्षमता से ज्यादा खर्च पर विश्व बैंक ने दी ऋण संकट की चेतावनी, कहा- GDP से 110% ज्यादा कर्ज
(मोहम्मद मुइज्जू) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विश्व बैंक ने मालदीव को क्षमता से ज्यादा खर्च जारी रखने पर गहरे ऋण संकट में फंसने की चेतावनी दी है। मालदीव दशकों से अपनी क्षमता से अधिक खर्च कर रहा है। जब से मोहम्मद मुइज्जु के नेतृत्व में मालदीव में नई सरकार बनी है यहां सार्वजनिक खर्च में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मालदीव की जीडीपी करीब 6.17 अरब डॉलर है। जबकि, फिलहाल मालदीव का सार्वजनिक कर्ज 8.2 अरब डॉलर हो गया है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर फारिस एच हदाद जर्वोस का कहना है कि मालदीव को इस साल करीब 51 करोड़ डॉलर और अगले साल 1.07 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। हदाद ने कहा कि दशकों से मालदीव अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च कर रहा है। खर्च में तेज वृद्धि और सब्सिडी ने घाटे को बढ़ा दिया है, जिससे वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है और कर्ज असहनीय हो गया है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, इससे पहले 1 जून को प्रकाशित मालदीव के वित्त मंत्रालय के तिमाही ऋण बुलेटिन के मुताबिक 2024 की पहली तिमाही के लिए सार्वजनिक और सार्वजनिक रूप से गारंटीकृत (पीपीजी) ऋण बढ़कर 8.2 अरब डॉलर हो गया है, जो मालदीव के सकल घरेलू उत्पाद का 110 फीसदी है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष के पहले तीन महीनों में राज्य का ऋण 9.8 करोड़ डॉलर बढ़ गया।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, वहीं, हदाद ने तत्काल राजकोषीय सुधारों का सुझाव देते हुए कहा कि व्यापक सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना, सरकारी क्षेत्र की कमजोरियों को दूर करना, स्वास्थ्य सेवा व्यय दक्षता में सुधार करना तथा सार्वजनिक निवेश कार्यक्रम को सुव्यवस्थित करना कुछ उपाय हो सकते हैं, जिनसे मालदीव गहरे ऋण संकट में फंसने से बच सकता है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जानकारों का कहना है कि मौजूदा स्थिति में मालदीव के लिए यह रकम चुका पाना आसान नहीं है, क्योंकि पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था को कोविड से जो झटका लगा था, उससे उबर नहीं पाई है। इसके अलावा भारत के साथ संबंधों में तल्खी पैदा कर पर्यटन उद्योग के लिहाज से अपने पैरों पर कुल्हाडी मारी है। क्योंकि, मालदीव घूमने जाने वालों में भारतीय पर्यटक शीर्ष पर रहते थे, लेकिन इसी वर्ष फरवरी में मुइज्जु के तीन मंत्रियों ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गईं, जिसके बाद भारतीयों ने विरोध जताते हुए मालदीव का बॉयकॉट शुरू कर दिया। नतीजतन, मालदीव में भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी पहले नंबर से घटकर पांचवें नंबर पर चली गई है।

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