मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,भारत के खिलाफ अमर्यादित व्यवहार के कारण मालदीव की राजनीति में खींचतान जारी है। इस बीच मालदीव की दो मुख्य विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के संसद में संबोधन में शामिल न होने का एलान कर दिया है। मालदीव की मीडिया रिपोर्ट ने विपक्ष के फैसले की पुष्टि की है। बता दें, हाल में भारतीय सैनिकों को माले से बाहर निकालने के मोइज्जू के फैसले के कारण भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है। मोइज्जू चीन समर्थक हैं। भारत के साथ रिश्तों में खटास आने के कारण विपक्षी पार्टियां मोइज्जू का विरोध कर रही हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि,मालदीव की मीडिया के अनुसार, मुख्य विपक्षी पार्टियां मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट पार्टी ने राष्ट्रपति के संबोधन में शामिल होने का बहिष्कार किया है। डेमोक्रेट्स ने बताया कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिपप्णी करने वाले तीनों कैबिनेट मंत्रियों की पुनर्नियुक्ति के कारण वह बैठक से दूर हैं। हालांकि, अभी तक एमडीपी की आरोप में कार्यक्रम में शामिल न होने का कारण सामने नहीं आया है। बता दें, एमडीपी और डेमोक्रेट्स ने हाल ही में एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने वर्तमान सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े किए थे और उन्हें दीर्घकालिक विकास के लिए बेहद हानिकारक बताया था। विपक्ष ने जोर दिया कि मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिए हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू सोमवार सुबह नौ बजे संबोधित करेंगे। मालदीवियन संविधान के अनुसार, मालदीव के राष्ट्रपति साल के पहले कार्यकाल के पहले संसद सत्र को संबोधित करते हैं। इस दौरान वे देश की स्थिति की रूपरेखा, सुधार कार्यवाही सहित अन्य आवश्यक मुद्दों पर बात करते हैं।
Image Source : Social media
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