मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया है कि दुनिया में संतुलन, खुलापन और पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता है और भारत के बढ़ते कद से ही यह सुनिश्चित होगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, निक्केई एशिया फ्यूचर ऑफ एशिया फोरम में एक वर्चुअल वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आपूर्ति और राज्यों द्वारा आर्थिक दबाव के उपयोग ने लचीलेपन को महत्वपूर्ण बना दिया है। जयशंकर ने आगे कहा कि भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और भू-तकनीकी विकास पर जोर दिया जा रहा है और इस वजह से दुनिया में आज स्पष्ट रूप से तनाव दिख रहा है। इन बदलावों का असर एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि दुनिया तनाव में है और भारत के चुने विकल्पों के महत्वपूर्ण परिणाम होंगे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा ‘हम दुनिया में सिर्फ बदलाव नहीं देख रहे बल्कि जोखिम भी देख रहे हैं। यूक्रेन में तनातनी, मध्य-पूर्व में हिंसा, एशिया और हिंद-प्रशांत में अंतरराष्ट्रीय कानून और समझौतों की उपेक्षा इसका उदाहरण है।’ विदेश मंत्री ने कहा कि आर्थिक आयाम और भी अधिक चिंता पैदा करने वाले हैं। आपूर्ति शृंखला चुनौती और राष्ट्रों के आर्थिक वर्चस्व का इस्तेमाल जोर पकड़ रहा है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी की चुनौती भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। प्रौद्योगिकी की चुनौती ने आपसी निर्भरता का एक नया स्तर तैयार किया है। उन्होंने एआई (आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस), ईवी (बिजली के वाहन), हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों का अदाहरण देते हुए कहा कि नई प्रौद्योगिकी ने आशा भी जगाई है और चिंतित भी किया है। विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कई आर्थिक संबंधों में महत्वपूर्ण बन गई है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत का एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरना जरूरी है।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें