मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की। इस दौरान उसने भारत-मालदीव संबंध, कतर में भारतीय नौसेना के कर्मियों, इस्राइल हमास युद्ध, ईरान-पाकिस्तान विवाद सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। एमईए ने कहा कि वह आतंकवाद को लेकर पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका है और इस्लामाबाद व तेहरान के मामले पर टिप्पणी नहीं करेगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमईए के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मालदीव के मुद्दे पर कहा, दोनों देशों के बीच जो भी चर्चा हुई है, उसे प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सामने रखा गया है। मालदीव में भारत के विमान-हेलीकॉप्टर और सैनिकों की तैनाती पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने व्यावहारिक समाधान खोजने पर चर्चा की है। इसलिए, चीजें आगे बढ़ेंगी। जल्द ही कोर समूह की अगली बैठक में मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, प्रवक्ता ने कतर की अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, हमारे राजदूत दूतावास के अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किए गए आठ लोगों से मिले थे। जैसा कि हमने पहले भी आपको बताया था कि कानूनी टीम अपील करने के पहलू को देख रही है। साठ दिनों की अवधि के भीतर उन्हें यह अपील दायर करनी है। मामला अब दूसरी अदालत में है। जिस पर कानूनी टीम फैसला करेगी। हमारे पास अभी कुछ समय है। हमारे राजदूत ने उनसे मुलाकात की और उनका हालचाल जाना है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, लाल सागर में तनाव को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा, विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) ने हाल ही में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए ईरान का दौरा किया था। आपने देखा होगा कि जब वह वहां थे, तो उन्होंने प्रेस को बयान दिया था। लाल सागर और अदन की खाड़ी में हिंसा और अस्थिरता पर चर्चा की गई। हम पूरी स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। यह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है। इसलिए, वहां हमारे हित हैं। जिन पर असर पड़ रहा है। हालांकि, हमारी नौसेना क्षेत्र में गश्त लगा रही है। वे समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। ताकि, हमारे आर्थिक हितों पर असर न पड़े।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एमईए के प्रवक्ता ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में इस्राइल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, इस्राइल-हमास मुद्दे पर हमारा रुख कई मौकों पर स्पष्ट रहा है। हमने आंतकवाद की आलोचना की है। बंधकों की रिहाई का आह्वान किया। नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय मदद का आह्वान किया है। हमारा दो राज्य समाधान को लेकर रुख स्पष्ट है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीन के साथ संबंधों पर मंत्रालय ने कहा, जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि चीन के साथ हमारे संबंध सामान्य नहीं है। सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बात चल रही है।
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