मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समाज में जाति और लिंग पर भेदभाव को खत्म करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बैठक के दौरान कही। उन्होंने वडोदरा में बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरएसएस प्रमुख ने इस दौरान कहा कि इस समय महान शक्ति को संगठित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि समाज में सद्भाव, पारिवारिक शिक्षा, अनुष्ठानों का पालन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी मूल्यों की जागृति और नागरिक कर्तव्य में शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाना जरूरी है। उन्होंने समाज में जाति और लिंग भेद को खत्म करने के लिए विशेष प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए विशेष प्रयोग किए जाने चाहिए।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के दौरान स्वास्थ्य, पर्यावरण, कला, साहित्य और सामाजिक परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों ने अपनी परियोजनाओं के बारे में अपनी अपनी राय रखी। इस अवसर पर आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति और परंपरा के वाहक होने के नाते आध्यात्मिकता, शिक्षा, कला के माध्यम से समय-समय पर समाज में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करना हमारी परंपरा रही है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख गुजरात में अपने दो दिवसीय दौरे पर हैं। गुजरात दौरे के दूसरे दिन वह वडोदरा में थे। इससे पहले उन्होंने दक्षिण गुजरात के भरूच में भी एक कार्यक्रम में भाग लिया था।
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