मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मूडीज रेटिंग्स ने मजबूत आर्थिक विकास के आधार पर कैलेंडर वर्ष 2024 और 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर क्रमश: 7.2 प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि यदि निजी उपभोग की गति बढ़ती है तो विकास दर अनुमान से अधिक रह सकता है। इससे पहले मूडीज ने 2024 के लिए 6.8 प्रतिशत और 2025 के लिए 6.4 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया था। मूडीज रेटिंग्स ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2024-25 के अपने अगस्त अपडेट में कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत विकास दर और मध्यम मुद्रास्फीति के बीच एक अच्छी स्थिति में है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मूडीज ने कहा, हमने 2024 और 2025 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने वास्तविक जीडीपी विकास अनुमानों को बढ़ा दिया है। पूर्वानुमान में परिवर्तन का प्रमुख कारण मजबूत आर्थिक विकास है। खास बात यह है कि सख्त मौद्रिक नीति के जारी रहने के बावजूद 2024 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मूडीज ने कहा है कि सामान्य से अधिक बारिश के बीच कृषि उत्पादन की संभावनाओं में सुधार के कारण ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत पहले से ही उभर रहे हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि RBI के एक हालिया पेपर में भी चालू वित्त वर्ष में निजी पूंजीगत व्यय में 54 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। मूडीज रेटिंग्स ने कहा मध्यम और लंबी अवधि में, भारत की विकास संभावनाएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि देश अपने श्रम के पर्याप्त पूल का कितनी अच्छी तरह से उपयोग करता है। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर अर्थव्यवस्था के लिए 6-7 प्रतिशत की वृद्धि हरहाल में संभव होनी चाहिए। भारत की आबादी की औसत आयु 28 वर्ष है और लगभग दो तिहाई लोग कामकाजी उम्र के हैं। हालांकि रोजगार सृजन और कौशल विकास सरकार की प्राथमिकताएं हैं, लेकिन भारत किस हद तक जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाता है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि ये नीतियां कितनी सफल होती हैं।
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