MP में बाढ़ का खतरा: श्योपुर के 50 गांव जलमग्न, गुना के कलोरा डैम के टूटने की आशंका

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ आ गई है। श्योपुर को माधोपुर से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे-552 पर रणथंभोर नेशनल पार्क क्षेत्र में पुलिया टूट गई, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया. श्योपुर में सीप नदी उफान पर है। यहां मानपुर में सरकारी अस्पताल में पानी भर जाने के कारण 12 मरीज फंस गए। एसडीईआरएफ की टीम ने सभी को निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। गुना में 24 घंटे में 12.92 इंच बारिश हो गई। यहां कलोरा बांध की वेस्ट बीयर 15 फीट तक टूट गई है। पूरा डैम टूटने की आशंका है। इससे आसपास के गांवों के जलमग्न होने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर NDRF और सेना को बुला लिया है।

विदिशा में बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भोपाल रोड रंगई स्थित बाढ़ वाले गणेश मंदिर तक पानी पहुंच गया है। नदी किनारे मंदिर आधे डूब गए हैं। भोपाल, नर्मदापुरम और अशोकनगर में लगातार बारिश के चलते स्कूलों की छुट्‌टी घोषित कर दी गई है।

शिवपुरी में कोलारस के पचावली गांव में बस में सवार होकर स्कूल से घर लौट रहे 30 बच्चे बाढ़ में फंस गए, जिसके बाद सभी को पचावली सरपंच के घर रुकवाया गया। बच्चे मंगलवार से यहीं हैं और अपने घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। कोलारस के संगेश्वर गांव में लोग छत पर टेंट लगाकर रह रहे हैं।

प्रदेश में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) और दो ट्रफ के गुजरने से मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। मंगलवार को अशोकनगर, श्योपुर, विदिशा समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात रहे। कई रास्ते भी बंद हो गए। यह सिस्टम बुधवार को भी एक्टिव रहेगा।

मौसम विभाग ने 6 जिले- नीमच, मंदसौर, श्योपुर, गुना, आगर-मालवा और राजगढ़ में अति भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। इन जिलों में अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है।

वहीं, भोपाल, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश का अलर्ट है। 24 घंटे में यहां साढ़े 4 इंच तक बारिश होने की संभावना है।

शिवपुरी में नदी के बीच फंसी स्कूल बस

जिले के मंगरौरा गांव में स्कूल बस उफनती नदी की पुलिया में फंस गई। ग्रामीणों ने नदी में फंसे 30 स्कूली बच्चों को सुरक्षित निकाल ​लिया। नदी में पानी का स्तर बढ़ता चला गया और बस पेड़ उखाड़ते हुए नदी में समा गई।.खतौरा में संचालित एक निजी स्कूल की बस बिजरौनी, मंगरौरा सहित दो अन्य गांवों से बच्चों को लेने पहुंची। बस चालक उफनती नदी पार करके मंगरौरा आया व वापस बच्चों को नदी पार करके ले जाने लगा। बीच पुलिया पर 6-7 फीट पानी बहने के कारण इंजन बंद हो गया।

ये तीन साहसी मां, अपने व दूसरे बच्चों को बचा लाईं : स्कूल बस में मंगरौरा निवासी महिला लीला बाई यादव, रामसखी यादव, रामदुलारी यादव के बच्चे थे। तीनों अपने बच्चों को बचाने के लिए उफनती नदी में उतर गईं और अपने व दूसरों के बच्चों को भी सुरक्षित निकाल लाईं। बताते हैं कि स्कूल संचालक ने बस के रेस्क्यू के वीडियो डिलीट करवा दिए। स्कूल किसी जनप्रतिनिधि का बताया जा रहा है।

बस आधी डूब गई थी, सीटों तक पानी पहुंचा : बच्चों को निकालने वाले देवेंद्र बताते हैं कि नदी का जल स्तर बढ़ने से बस आधी से ज्यादा डूब गई, सीटों तक पानी पहुंच गया था। निकालते वक्त दो बच्चे बह गए, जिन्हें बीच मंझधार से ​बचाकर ले आए। कुछ बच्चों के पेट में पानी भर गया था। शुरुआत में बस फंसी तक टायरों तक पानी था। फिर जल स्तर बढ़ता गया और बस डूबती चली गई।

पार्वती नदी उफान पर, दो गांवों को खाली कराया

श्योपुर. पार्वती नदी खतरे के निशान से पौने तीन मीटर ऊपर बह रही है, जिससे तटवर्ती क्षेत्र के 47 गांवों में प्रशासन अलर्ट पर है। बचाव दल ने टापू पर बसे सांड और सूंडी गांव खाली कराया है। बड़ौदा कस्बा तीन तरफ से पानी से घिर गया है। मैन बाजार सहित आधे बड़ौदा कस्बे में रास्तों पर तीन-तीन फीट पानी बह रहा है। 500 से ज्यादा घरों और दुकानों में भी पानी घुस गया है। सैकड़ों परिवार घरों में कैद रहे।

हरदा : गनीमत रही रात में गिरी स्कूल की छत

सिराली/हरदा| हरदा जिले के सांवरी के एकीकृत माध्यमिक स्कूल की छत सोमवार रात गिर गई। चार दिनों से लगातार बारिश हो रही थी, जिससे हाल की छत और दीवार का कोना गिर गया। वहीं, हरदा में जिला पंचायत के सभागृह की सीलिंग दो जगह से धंसकर गिर गई। गनीमत रही कि स्कूल की छत और साइड की दीवार का ऊपरी हिस्सा रात में गिरा।

नर्मदापुरम : नर्मदा खतरे के निशान से सिर्फ पांच फीट नीचे, अलर्ट जारी

नर्मदापुरम  मंगलवार रात 8 बजे नर्मदा नदी का सेठानी घाट पर जलस्तर 959 फीट पर था, जो खतरे के निशान से 5 ​फीट कम है। नर्मदा का खतरे का निशान 964 फीट है। प्रशासन ने नदी नदी किनारों और निचले इलाकों में रह रहे लाेगाें काे सतर्क रहने के निर्देश जारी किए। तीनों बांधों और सहाय​क नदियों में का पानी मिलने से बुधवार सुबह तक नर्मदा का जलस्तर 960 फीट से ऊपर पहुंचने की आशंका है। बुधवार काे भी सभी स्कूलों में छुट्टी दे दी है। इंदिरा सागर के 12 गेट खोले : मंगलवार को इंदिरा सागर बांध के 12 गेट डेढ़ मीटर तक खोल दिए गए। ओंकारेश्वर बांध के मंगलवार दोपहर 3.30 बजे 9 की जगह 14 गेट खोल दिए।

गुना के कलोरा डैम के टूटने की आशंका, एमपी-राजस्थान के 11 गांवों में अलर्ट, एहतियातन सेना बुलाई

मंगलवार को जिले में हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक लगातार बारिश के कारण बमोरी इलाके के कलोरा बांध की वेस्ट बीयर टूट गई है। बांध टूटने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सावधानी के तौर पर बबीना से सेना बुलाई।

12 घंटों में हुई 9 इंच से अधिक बारिश के कारण शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। जिले के लगभग सभी नदी-नाले उफान पर हैं। नानाखेड़ी इलाके में सड़कों पर पांच फीट तक पानी भर गया है।

आठ गांवों में भरा पानी, SDERF तैनात

सोमवार-मंगलवार की रात हुई बारिश के बाद बमोरी इलाके में स्थित कलोरा बांध की वेस्ट बीयर लगभग 10 फीट तक टूट गई। इससे आसपास के गांवों में पानी भर गया। प्रभावित गांवों में सिंगापुर, तुमड़ा, कुड़का, बंधा, उमरधा, बनियानी और राजस्थान सीमा से लगे मामली और बिलोदा शामिल हैं।

प्रशासन ने जलमग्न क्षेत्रों से ग्रामीणों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल और एसडीएम शिवानी पांडे ने मौके का जायजा लिया। स्थिति से निपटने के एसडीईआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है।

कलोरा बांध टूटने की आशंका, NDRF और सेना तैनात

कलोरा बांध की वेस्ट बीयर टूटने के बाद अब पूरे बांध के टूटने की आशंका है। इससे आसपास के गांवों के जलमग्न होने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर NDRF और सेना को बुला लिया है।

कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि विपरीत परिस्थिति में ग्रामीणों को रेस्क्यू करने की आवश्यकता पड़ सकती है। NDRF की टीम ग्वालियर से और सेना की टुकड़ी बबीना से गुना पहुंच गई है।

पहले से ही बांध की वेस्ट बीयर के 10 फीट तक टूटने से आसपास के सिंगापुर, तुमड़ा, कुड़का, बंधा, उमरधा, बनियानी और राजस्थान सीमा से लगे मामली और बिलोदा गांवों में पानी भर गया है। बता दें कि बांध की क्षमता 100 हैक्टेयर है।

1956 में बना था तालाब

फतेहगढ़ से लगभग 20 किलोमीटर दूर राजस्थान सीमा पर स्थित कलोरा तालाब की वेस्ट बीयर टूटने से क्षेत्र में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। 1956 में निर्मित यह तालाब बमोरी इलाके के प्राचीन जलाशयों में से एक है।

जल भराव क्षमता 4.74 MCM

इस तालाब की जल भराव क्षमता 4.74 MCM है। यह पाड़ोन इलाके के कई गांवों में सिंचाई का प्रमुख स्रोत है। वर्तमान में बांध के पूरी तरह टूटने की आशंका को देखते हुए NDRF और सेना की टीमें मौके पर तैनात की गई हैं। आसपास के गांवों में पानी भर जाने से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

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News & Image Source: khabarmasala

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