Musk India Visit: मस्क की PM से मुलाकात 22 अप्रैल को, अरबों डॉलर का निवेश; सरकार ने FDI सीमा बढ़ाकर 100% की

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Musk India Visit: मस्क की PM से मुलाकात 22 अप्रैल को, अरबों डॉलर का निवेश; सरकार ने FDI सीमा बढ़ाकर 100% की
(एलन मस्क, नरेंद्र मोदी) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ई-वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क सोमवार 22 अप्रैल को भारत दौरे पर रहेंगे और इस दौरान वह यहां दो से तीन अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर सकते हैं। इसके जरिये यहां एक फैक्टरी निर्माण किया जाएगा। इस दौरे में सोमवार को ही मस्क की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होनी है। हालांकि मस्क के भारत दौरे और इस दौरान होने वाली गतिविधियों को लेकर कोई विस्तृत आधिकारिक जानकारी नहीं साझा की जा रहा है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मस्क ने सोशल मीडिया पर यह बताया है कि वह भारत आने वाले हैं और वहां पीएम मोदी से मिलेंगे। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन निर्माता देश है लेकिन ई वाहन उद्योग यहां अब भी शैशव काल में ही है। 2023 में देश में कुल वाहन बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी थी लेकिन सरकार 2023 तक इस हिस्सेदारी को 30 फीसदी तक ले जाने की योजना बना रही है। मस्क के दौरे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि टेस्ला के मालिक भारत में अपने निवेश की राशि का खुलासा भले ही करें लेकिन यह निवेश कब तक होगा और देश के किस राज्य में होगा इसका खुलासा शायद अभी न किया जाए।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, मस्क लंबे समय से भारत में ई वाहनों पर भारी-भरकम आयात शुल्क कम करने की मांग कर रहे हैं। भारत सरकार ने इस वर्ष मार्च में ईवाहन के कुछ मॉडलों पर आयात शुल्क 100 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की घोषणा की है बशर्ते कार निर्माता भारत में फैक्टरी लगाने के लिए कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करें।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, टेस्ला के मालिक एलन मस्क के 22 अप्रैल को भारत दौरे से पहले ही वित्त मंत्रालय ने सेटेलाइट संबंधी गतिविधियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 100% कर दी है। नियमों में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने स्पेस क्षेत्र में कुछ गतिविधियों के लिए ऑटोमेटिक रूट के जरिये एफडीआई सीमा 100 फीसदी तक बढ़ाने को मंजूरी दी थी। इन गतिविधियों में सेटेलाइट से जुड़े कलपुर्जे और अन्य सिस्टम का विनिर्माण शामिल हैं। निवेश करने वाली कंपनी को भारतीय स्पेस विभाग के समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन भी करना होगा। सेटेलाइट मैन्युफैक्चरिंग, सेटेलाइट डेटा उत्पाद और ग्राउंड व यूजर सेगमेंट के लिए 75 फीसदी निवेश की मंजूरी है।

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