अमेरिका की एयरफोर्स ने बुधवार को NASA और ISRO द्वारा संयुक्त रूप से विकसित उपग्रह ‘NISAR’ को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को सौंप दिया। मीडिया सूत्रों की माने तो, NISAR सैटेलाइट का इस्तेमाल धरती को तमाम तरह के खतरों से बचाने के लिए किया जाएगा। चेन्नई में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने कहा कि यूएस एयरफोर्स का सी-17 विमान ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार’ को लेकर बेंगलुरु में उतरा। उन्होंने बताया कि यह सैटेलाइट अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और ISRO के बीच सहयोग का नतीजा है।
मीडिया सूत्रों के हवाले से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, इसरो नासा की संयुक्त सहयोग से बनाया गया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह निसार उपग्रह बुधवार शाम बेंगलुरु पहुंचा। चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने कहा कि अमेरिकी वायु सेना का सी-17 विमान ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार’ को लेकर बेंगलुरु में उतरा। यह सैटेलाइट अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ और इसरो के बीच सहयोग का परिणाम है। मीडिया की जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच सहयोग के अन्तर्गत बनाया गया है। इसरो ने बताया कि निसार उपग्रह का उपयोग कृषि मानचित्रण और भूस्खलन-प्रभावित क्षेत्रों सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। मीडिया की माने तो, इसको 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निकट-ध्रुवीय कक्षा में लाँच किए जाने की उम्मीद है।
Image Source : India TV Hindi
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