यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच रूस ने पश्चिमी देशों से लगती बेलारूस की सीमा पर परमाणु हथियार तैनात करने का ऐलान कर दिया है। इससे नाटो देशों में खलबली मच गई है। मीडिया की माने तो, रूस ने यह कदम उठाने का फैसला इसलिए किया है कि नाटो और पश्चिमी देश लगातार युद्ध में यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में रूस किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यूक्रेन से युद्ध चलते 1 वर्ष से अधिक का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक यह किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा है। जिस तरह से अमेरिका फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं, उससे युद्ध के जल्द खत्म होने की कोई संभावना भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। ऐसे में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल होने का खतरा बढ़ रहा है। यदि ऐसा हुआ तो तीसरा विश्व युद्ध होना तय है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच परमाणु हमले का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एलान के बाद बेलारूस ने भी साफ कर दिया है कि वह अपने देश में रूस के टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार को तैनात करने के लिए मंजूरी दे चुका है। सबसे बड़ी बात ये है कि रूस के इस परमाणु हथियारों की तैनाती नाटो देशों के चौखट पर ही होगी। मतलब नाटो सदस्य देशों के ठीक बॉर्डर पर ये हथियार रखे जाएंगे। मीडिया की माने तो, ग्रीजलोव ने यह नहीं बताया कि हथियार कहां तैनात किए जाएंगे, लेकिन ये जरूर साफ कर दिया कि एक जुलाई तक पुतिन के आदेश के अनुसार बेलारूस के पश्चिम में परमाणु हथियार तैनात कर दी जाएगी। बेलारूस के उत्तर में लिथुआनिया और लातविया की सीमाएं हैं और पश्चिम में पोलैंड। ये सभी नाटो सदस्य देश हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इन सीमाओं पर अतिरिक्त सैनिकों और सैन्य उपकरणों की तैनाती की गई है।
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