मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गड़बड़ी और पेपर लीक जैसे विवादों से घिरी नीट-यूजी का भविष्य क्या होगा, यह तो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद तय होगा। लेकिन इस सुनवाई पर देश के करीब 24 लाख छात्रों की निगाहें जरूर टिकी होगी, जिन्होंने इस परीक्षा के लिए आवेदन कर रखा है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सामने इस पूरे विवाद को लेकर अब तक करीब 38 याचिका पहुंच चुकी हैं, इनमें ज्यादातर इस परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली है, जबकि एक-दो याचिका परीक्षा को न रद्द करने की मांग वाली भी है। ऐसे में अब फैसला सुप्रीम कोर्ट के हाथ में है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। इनमें 5 मई को हुई परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप वाली तथा परीक्षा फिर से कराने का निर्देश देने की मांग वाली याचिकाएं शामिल हैं। केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA),जो नीट- यूजी आयोजित करती है, ने हाल ही में शीर्ष अदालत को बताया कि परीक्षा को रद्द करना “अनुत्पादक” होगा और बड़े पैमाने पर किसी भी सबूत के अभाव में लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को “गंभीर रूप से खतरे में” डालेगा। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 8 जुलाई के मामलों की सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ नीट से संबंधित 38 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। पांच मई को हुई परीक्षा में करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
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