मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीट-यूजी में कथित गड़बड़ी से जुड़े पांच नए मामलों की जांच हाथ में ले ली है। इन मामलों की जांच गुजरात, राजस्थान और बिहार की पुलिस कर रही थी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात और बिहार से एक-एक मामला और राजस्थान से तीन मामलों को अपनी एफआईआर के रूप में फिर से दर्ज किया है, वहीं महाराष्ट्र के लातूर से एक और मामले की जांच भी एजेंसी के अपने हाथ में लेने के आसार हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बिहार के मामले को छोड़कर बाकी चार मामले अभ्यर्थी की जगह अन्य व्यक्ति द्वारा परीक्षा देने और स्थानीय अधिकारियों, निरीक्षकों और अभ्यर्थियों द्वारा धोखाधड़ी से संबंधित छिटपुट मामलों जैसे दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय से व्यापक जांच के लिए सीबीआई ने पहले ही मामले के संबंध में अपना केस दर्ज कर चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि इन नए मामलों की जांच संभालने के बाद सीबीआई अब नीट-यूजी में कथित गड़बड़ी से जुड़े कुल छह मामलों की जांच कर रही है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि प्रश्नपत्र लीक विवाद को देखते हुए नीट-यूजी को खत्म करने और राज्यों द्वारा परीक्षा आयोजित करने की पुरानी व्यवस्था बहाल करने पर विचार किया जाए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बनर्जी ने नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की। दो पन्नों के पत्र में ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप इस पर विचार करें और राज्य सरकारों द्वारा इस परीक्षा को आयोजित करने की पुरानी प्रणाली को बहाल करने तथा नीट को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। इस कदम से स्थिति को सामान्य करने में मदद मिलेगी और छात्रों में विश्वास भी बढ़ेगा।’’ उन्होंने ‘‘प्रश्नपत्र लीक के आरोपों, परीक्षा के संचालन में शामिल अधिकारियों और कुछ लोगों द्वारा रिश्वत लेने, कुछ छात्रों को परीक्षा के लिए आवेदन करने की सुविधा देने के वास्ते वेब पोर्टल को दोबारा खोलने, कृपांक आदि’’ की ओर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये गंभीर मुद्दे हैं जिनपर गौर करने और गहन तथा निष्पक्ष जांच की जरूरत है। इस बात पर जोर देते हुए कि इस तरह की घटनाएं लाखों छात्रों के करियर और आकांक्षाओं के लिए खतरा हैं, बनर्जी ने कहा कि ये घटनाक्रम ‘‘न केवल देश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को कमतर करते हैं, बल्कि देश में चिकित्सा सुविधाओं/उपचार की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ-साथ राज्यों की अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की पूर्ववर्ती व्यवस्था ‘‘सुचारु रूप से और बिना किसी बाधा के काम कर रही थी।’’
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें