मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने सभी बार एसोसिएशन से कहा है कि नए आपराधिक कानून के खिलाफ किसी भी तत्कालिक विरोध प्रदर्शन से दूरी बनाए रखें। बता दें कि देश में 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहे हैं। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि वकीलों के शीर्ष संगठन को जानकारी मिली है कि देशभर के कई राज्यों की बार एसोसिएशन के सदस्यों ने नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की है। इसके लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है। मिश्रा ने आगे बताया कि अलग-अलग राज्यों की बार एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन का संकेत दिया है। यह विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक तीनों आपराधिक कानूनों को वापस नहीं जाता। इन कानूनों की देश की संसद में समीक्षा होनी चाहिए। इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि नए आपराधिक कानून आम लोगों के खिलाफ जाते प्रतीत होते हैं। इसके अलावा ये नए कानून आम जनता के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीसीआई ने कहा ‘इन तमाम मांगों देखते हुए सभी बार एसोसिएशन से अनुरोध किया गया है कि इस समय ऐसे प्रदर्शनों से दूर रहें।’ बार काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि इस बारे में केंद्र सरकार, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय कानून मंत्री से बात की जाएगी। बातचीत के दौरान मंत्रालयों को सभी बार एसोसिएशन की चिंताओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।बीसीआई ने कहा कि वकीलों के शीर्ष संगठन द्वारा इस मामले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भी बात की जाएगी। वे खुद एक वकील रह चुके हैं और उन्हें इस मामले में मध्यस्थता करने का अनुरोध किया जाएगा।
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