मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसार-अल-इस्लाम के दो आतंकियों को भारत में आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोप में पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है। जांच एजेंसी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार बांग्लादेशी नागरिकों महमूद हसन और मोहम्म्द सैयद हुसैन की सजा का एलान कर दिया गया है। मिजोरम में एनआईए की विशेष अदालत दोनों आतंकियों को दोषी ठहराने के बाद पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोनों को दस-दस हजार रुपये जुर्माना भरने को भी कहा गया है। एनआईए ने बताया कि दोनों आतंकी अवैध रूप से भारत में घुसे थे और यहां अलग-अलग जगहों में रह रहे थे। दोनों आतंकियों ने फर्जी दस्तावेजों के दम पर अपने पहचान पत्र तैयार किए थे। जांच एजेंसी ने दोनों के खिलाफ 23 जनवरी 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था। एनआईए को वर्ष 2019 के सितंबर महीने में इस मामले की जांच सौंपी गई थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनआईए ने जांच में पाया कि दोनों आतंकी आतंकी संगठन अंसार-अल-इस्लाम की साजिश को भारत में अंजाम देने की कोशिश में जुटे थे। दावा किया जाता है कि अंसार-अल-इस्लाम बांग्लादेश में अल-कायदा की इकाई है। जांच एजेंसी ने बताया कि दोनों आतंकियों से 11 मोबाइल फोन और 16 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। महमूद हसन के पास से बंगलूरू के सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थानों की कई तस्वीरें बरामद की गईं हैं।
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