मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनपीसीआई की विदेशी शाखा ने नामीबिया के लिए यूपीआई जैसी त्वरित भुगतान प्रणाली विकसित करने के वास्ते बैंक ऑफ नामीबिया (बीओएन) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत की यूपीआई प्रौद्योगिकी और अनुभवों का लाभ उठाकर साझेदारी का उद्देश्य नामीबिया को अपने वित्तीय परिवेश तंत्र को आधुनिक बनाने में मदद करना है। इसमें घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय भुगतान तंत्र के साथ पहुंच, सामर्थ्य व संपर्क और अंतर-संचालन में सुधार करना शामिल है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बयान में कहा गया, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने नामीबिया के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) जैसी त्वरित भुगतान प्रणाली विकसित करने में सहायता के लिए बैंक ऑफ नामीबिया (बीओएन) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एनपीसीआई इंटरनेशनल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितेश शुक्ला ने कहा, ‘‘इस प्रौद्योगिकी को सक्षम करने से देश को डिजिटल भुगतान परिदृश्य में संप्रभुता प्राप्त होगी। बेहतर भुगतान अंतर-संचालन व वंचित आबादी के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच से लाभ होगा।’’
मीडिया में आई खबर के अनुसार, बैंक ऑफ नामीबिया के गवर्नर जोहान्स गवाक्सैब ने कहा, ‘‘हमारा मकसद वंचित आबादी के लिए पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ाना। 2025 तक भुगतान साधनों की पूर्ण अंतर-संचालनीयता हासिल करना, वित्तीय क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना और एक सुरक्षित व कुशल राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करना है।’’
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