मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने रविवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जरदारी को पद की शपथ दिलाई। सैन्य शासकों को छोड़कर जरदारी दूसरी बार राष्ट्र प्रमुख का पदभार संभालने वाले पाकिस्तान के पहले नेता बन गए हैं। इससे पहले वह 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पदभार संभाल चुके हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और निवर्तमान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी मौजूद थे। इसके अलावा पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर, ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा और पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी भी समारोह में मौजूद थे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी शनिवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्हें पीएमएल-एन समेत पांच दलों का समर्थन मिला। वह दूसरी बार राष्ट्रपति बनने वाले पहले पाकिस्तानी नेता हैं। हालांकि, इस्कंदर मिर्जा व परवेज मुशर्रफ दो-दो बार व अयूब खान तीन बार राष्ट्रपति रह चुके हैं लेकिन ये सभी सैन्य तानाशाह थे। 68 वर्षीय जरदारी पीपीपी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साझा उम्मीदवार थे। उन्हें 255 मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के प्रत्याशी महमूद खान अचकजई (75) को 119 मत मिले।
मीडिया की माने तो संविधान के प्रावधानों के अनुसार, नए राष्ट्रपति का चुनाव नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के नवनिर्वाचित सदस्यों के निर्वाचक मंडल ने किया। व्यवसायी से राजनेता बने जरदारी पाकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति हैं। वह निवर्तमान डॉ. आरिफ अल्वी का स्थान लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था। हालांकि नए निर्वाचक मंडल का गठन न होने के चलते वह अब तक पद पर बने रहे। इससे पहले जरदारी 2008 से 2013 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं। महमूद खान अचकजई उनकी पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख हैं और एसआईसी के मंच से चुनाव लड़ रहे थे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, आसिफ अली जरदारी ने गठबंधन के समर्थन के लिए आभार जताते हुए देश के सामने मुंह बाए खड़़ी आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आने वाले कठिन संकटों को स्वीकार किया लेकिन उनसे उबरने की सामूहिक क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि आगे बहुत बड़े संकट हैं, लेकिन हम मिलकर उन पर काबू पा सकते हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, जरदारी को पीएमएल-एन के नेता व पीएम शहबाज शरीफ, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट- पाकिस्तान के खालिद सिद्दीकी, इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी के अध्यक्ष अलीम खान, बलोच पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष खालिद मगसी व प्रो. साजिद मीर का सहयोग मिला। चुनाव की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जेड) के इजाजुल हक को कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज प्रक्रिया से होता है, जिसमें संघीय और प्रांतीय असेंबली के सदस्य मतदान करते हैं। जरदारी के प्रतिद्वंदी अचकजई सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के उम्मीदवार थे। इमरान खान की पार्टी पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अचकजई सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के बैनर तले राष्ट्रपति चुनाव में उतरे। बता दें, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 325 सदस्य हैं। साथ ही 91 सीनेटर्स हैं। पंजाब असेंबली में 354, सिंध असेंबली में 157, खैबर पख्तूनख्वा में 117 और बलूचिस्तान असेंबली में 65 सदस्य हैं।
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