मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान वेतन नहीं लेंगे। नव नियुक्त राष्ट्रपति ने अपने इस निर्णय के पीछे देश की आर्थिक स्थिति का हवाला दिया। जरदारी ने कहा कि उनका ये निर्णय नकदी संकट से जूझ रहे देश को आर्थिक कठिनाई का सामना करने में मदद करने की कोशिश है।
उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति सचिवालय ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बारे में जानकारी साझा की है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय खजाने पर बोझ नहीं डालने के लिए अपना वेतन छोड़ दिया है। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रति माह 8,46,550 रुपये मिलते थे, जो 2018 में संसद द्वारा तय किया गया था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, गौरतलब है कि जरदारी पाकिस्तान के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने रविवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जरदारी को पद की शपथ दिलाई। सैन्य शासकों को छोड़कर जरदारी दूसरी बार राष्ट्र प्रमुख का पदभार संभालने वाले पाकिस्तान के पहले नेता बन गए हैं। इससे पहले वह 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पदभार संभाल चुके हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, उनके अलावा, पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने भी अपना वेतन छोड़ने का फैसला किया है। नकवी ने भी इसके पीछे देश के सामने चल रही आर्थिक चुनौतियों का हवाला दिया। एक्स पर एक पोस्ट में नकवी ने कहा कि संकट के इस समय में हर संभव तरीके से देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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