मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आज थोड़ी राहत मिली। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सिफर मामले में खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को बरी कर दिया है। वहीं, सोमवार सुबह इस्लामाबाद की जिला और सत्र अदालत ने ‘हकीकी आजादी’ मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में खान और कुरैशी सहित अन्य नेताओं को रिहा कर दिया। इस महीने की शुरुआत में, इस्लामाबाद के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी खान को 2022 में उनकी पार्टी के दो लंबे मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में बरी कर दिया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दरअसल, पाकिस्तान के बहुचर्चित सिफर मामले (गुप्त राजनयिक केबल) में इमरान खान पर गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने के दौरान उन्होंने सिफर की सामग्री का दुरुपयोग किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी दूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का विवरण था।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ साजिश रचने की कहानी गढ़ी। एफआईए ने 15 अगस्त को देश के गुप्त कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में सिफर मामला दर्ज किया था। एफआईए ने 30 सितंबर को खान और कुरेशी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एफआईए ने आरोप पत्र में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 5 और 9 को शामिल किया है जिसके तहत दोषी पाए जाने पर मौत की सजा या दो से 14 साल की कैद हो सकती है। खान और कुरैशी को शुरुआत में 23 अक्टूबर को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। दोनों ने खुद को निर्दोष बताया था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, इमरान खान तोशाखाना मामले में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में बंद हैं। दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें