मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लंबे समय से जेल में बंद है। इस बीच, उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश पर निशाना साधा। सीजेपी काजी फैज ईसा पर उन्होंने पीटीआई के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया। उन्होंने न्यायपालिका से आग्रह किया है कि उनके मामलों की सुनवाई में तेजी लाई जाए।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अदियाला जेल में पत्रकारों को दिए एक संदेश में खान ने न्यायमूर्ति ईसा को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार की ‘बी टीम’ बताया। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने मामलों की सुनवाई कर रहे सभी न्यायाधीशों से आग्रह करता हूं कि वे सुनवाई में तेजी लाएं और मुकदमे में हो रही देरी से बचें। फैसलों में देरी करना अन्यायपूर्ण है। इमरान ने सीजेपी की आलोचना करते हुए कहा, ‘आपने पीटीआई से चुनाव चिन्ह छीन लिया। समान अवसर देने से इनकार कर दिया। नौ मई की घटनाओं की आड़ में मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन किया। पिछली मई से हमारी याचिका लंबित है। आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।’ उन्होंने आगे कहा, ‘उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की टिप्पणियों से साबित हो गया कि देश में जंगल कानून कायम है। अब सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए उच्च न्यायालयों के गलत फैसलों को खारिज करने का समय आ गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके अलावा, पाकिस्तान की एक अदालत ने नौ मई को हुए दंगों से संबंधित दो मामलों की सुनवाई में शामिल नहीं हुए 14 लोगों के के लिए जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। सभी 14 लोग जमानत पर बाहर थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश ने संदिग्धों को अदालत में पेश होने से पहले नए जमानत बांड भरने का भी आदेश दिया है। इसके अलावा, अदालत ने पीटीआई के पूर्व नेता जमशेद इकबाल चीमा और उनकी पत्नी मुसर्रत इकबाल चीमा को गिरफ्तारी से पहले ही जमानत दे दी है। साथ ही उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश दिया।
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