मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को स्पेन को हराकर पेरिस ओलंपिक-2024 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में भारत ने 2-1 से जीत हासिल की। टोक्यो ओलंपिक-2020 में भी भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारत ने लगातार दूसरी बार ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। ये भारत का ओलंपिक खेलों में चौथा ब्रॉन्ज मेडल है। भारतीय टीम की कोशिश इस मैच को जीतकर अपना ब्रॉन्ज मेडल बनाए रखने और अपने स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश को ओलंपिक मेडल के साथ विदाई देने की थी। भारत ने इससे पहले 1968, 1972 और 2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहले क्वार्टर में दोनों ही टीमों ने अटैक करने की रणनीति अपनाई जिसके चलते डिफेंस की भूमिका अहम हो गई। इस मैच में भारतीय टीम के पास अमित रोहिदास थे। उनकी कमी भारतीय टीम को सेमीफाइनल में काफी खली थी। इस बार अमित ने मजबूत काम किया और पहले क्वार्टर में डिफेंस को मजबूत बनाए रखा। पहले क्वार्टर में दोनों ही टीमें गोल नहीं कर सकीं। दूसरे क्वार्टर में भी दोनों टीमों की अटैकिंग एप्रोच में अंतर नहीं आया। स्पेन को यहां सफलता मिली। 17वें मिनट में स्पेन ने भारत के घेरे में एंट्री मारी और पेनल्टी स्ट्रोक हासिल कर लिया। 18वें मिनट में मार्क मिरालेस ने उसे गोल में बदल स्पेन को 1-0 से आगे कर दिया। मार्क के स्ट्रोक पर श्रीजेश कुछ नहीं कर पाए। 20वें मिनट में स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला जो गोल में तब्दील नहीं हो सका। तुरंत ही स्पेन के हिस्से एक और पेनल्टी कॉर्नर और इस बार भी स्पेन को सफलता नहीं मिली। स्पेन गोल करने के बाद और ज्यादा आक्रामक हो गई थी। लगातार भारतीय टीम के घेरे में उसने जगह बनाई। 24वें मिनट में स्पेन ने दूसरा गोल लगभग कर ही दिया होता, लेकिन एक बार फिर श्रीजेश ने बचा लिया। इस क्वार्टर के आखिरी दो मिनट में स्पेन ने फिर श्रीजेश की परीक्षा ली जिसमें वह सफल रहे और दो मौकों पर स्पेन को निराश कर दिया। भारत ने तुरंत काउंटर किया और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। हालांकि, गोल नहीं हो सका। आखिरी मिनट में भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला और हरमनप्रीत ने बराबरी का गोल दाग दिया।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस मैच में बढ़त लेने में ज्यादा देरी नहीं की। 33वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार फिर हरमनप्रीत ने गेंद को नेट में डाल दिया। भारत को 35वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार कप्तान गोल नहीं कर पाए। तुरंत ही अभिषेक को ग्रीन कार्ड दे दिया गया। 40वें मिनट में स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर गोल हो गया लेकिन इसे रेफरी ने अयोग्य करार दे दिया। आखिरी मिनटों में भारत के पास अपनी बढ़त को दोगुना करने और स्पेन के पास बराबरी के मौके आए लेकिन दोनों ही टीमें असफल हो गईं। बराबरी के लिए लड़ रही स्पेन ने चौथे मिनट में आते ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया, हालांकि गोल नहीं हो सका। भारत ने भी अगले मिनट में फील्ड गोल की कोशिश की। गेंद गोलपोस्ट के सामने थी और सुरजीत भी वहीं थे। उन्होंने कोशिश तो की लेकिन गेंद को बाहर मार बैठे। आखिरी मिनटों में स्पेन ने शानदार खेल दिखाया और भारत के गेंद नहीं लेने दी। अधिकतर समय बॉल पजेशन स्पेन के पास थी। भारत के डिफेंस ने पूरा दम दिखाया और गोल नहीं होने दिया। आखिरी एक मिनट में स्पेन को पेनल्टी कॉर्नर भी मिला जो श्रीजेश ने बचा लिया। यहां से फिर स्पेन के सभी प्रयास फेल गए और एक बार फिर भारत के हिस्से में ब्रॉन्ज मेडल आ गया।
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