मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि तीनों सेनाओं के बीच एक मल्टी-डोमेन प्रतिक्रिया तंत्र बनाने के लिए संयुक्तता की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है। जनरल चौहान वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन में यह टिप्पणी की। इस सम्मेलन का समापन शुक्रवार को हुआ। सम्मेलन में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हुए।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जनरल चौहान ने मल्टी-डोमेन प्रतिक्रिया तंत्र सक्षम सशस्त्र बलों के निर्माण के लिए संयुक्तता की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया। ‘परिवर्तन चिंतन-II’ सम्मेलन में सैन्य मामलों के विभाग के अधिकारियों, एकीकृत रक्षा स्टाफ और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) की विभिन्न उप-समीतियों के सदस्यों ने भी भाग लिया। मंत्रालय ने कहा, सीओएससी की विभिन्न उप-समितियों ने उन उठाए गए कदमों की जानकारी दी, जिन्हें (तीनों सेनाओं के) एकीकरण के लिए जरूरी माना जाता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, बयान में गया कि सशस्त्र बलों की संयुक्तता और एकीकरण के जरिए परिवर्तन की दिशा में वांछित अंतिम लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यक सुधारों पर विचार-विमर्श किया गया। जनरल चौहान ने दोनों दिन विभिन्न समितियों को संबोधित कर चिंतन की शुरुआत की। मंत्रालय ने कहा, उन्होंने संयुक्तता और एकीकरण के लिए पहलों में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया। इसमें आगे कहा गया कि जनरल चौहान ने भरोसा जताया कि इस तरह के विचार-विमर्श से सशस्त्र बलों को एक थिएटर बल के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी, जो बहु-क्षेत्रीय अभियानों में समक्ष होगी और देश की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के संकल्प और क्षमता को मजबूत करेगी।
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