मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संसद में तीन लोग फर्जी आधार कार्ड के इस्तेमाल से घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें सीआईएसएफ की मुस्तैदी के कारण पकड़ लिया गया। तीनों आरोपियों की पहचान- कासिम, मोनिस और शोएब के रूप में हुई है। तीनों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, घटना मंगलवार की है। चार जून को तीन व्यक्ति संसद भवन में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उनके द्वारा दिखाए गए आधार कार्ड पर सीआईएसएफ को शक हुआ, जांच की गई तो पता चला कि तीनों लोगों के आईडी फर्जी हैं। इसके तुरंत बाद सीआईएसएफ के कर्मियों ने तीनों को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि तीनों व्यक्तियों को ‘डीवी प्रोजेक्ट्स लिमिटिड’ ने संसद भवन परिसर के अंदर एमपी लॉन्ज के निर्माण के लिए काम पर रखा था। तीनों मजदूरी करते थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय लोकतंंत्र के ‘मंदिर’ संसद की सुरक्षा जिम्मेदारी हाल ही में सीआईएसएफ को मिली है। 3300 से अधिक सीआईएसएफ कर्मी संसद परिसर में पूर्ण आतंकवाद विरोधी और तोड़फोड़ विरोधी सुरक्षा कर्तव्यों को संभालते हैं। बता दें, 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक के बाद फैसला लिया गया कि अब से सीआरपीएफ की सीआईएसएफ संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था संभालेगी।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, 13 दिसंबर को लोकसभा में उस वक्त हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला था, जब दो युवक दर्शक दीर्घा से डेस्क पर कूदे और कलर स्मॉग निकालने लगे। इस दौरान पूरे हॉल में धुंआ हो गया। वहीं, उनके साथी भी संसद के बाहर इसी तरह का प्रदर्शन करने लगे। आरोपियों ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उनका मकसद मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करना था। इस मामले में कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
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