प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित किया। जानकारी के अनुसार, इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, इस बार यह कॉन्फ्रेंस बहुत खास है, क्योंकि यह 75वें गणतंत्र दिवस के तुरंत बाद हो रही है। आज से 75 साल पहले 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था, संविधान को भी 75 वर्ष हो रहे हैं। मैं संविधान सभा के सभी सदस्यों को देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि, एक समय था जब अगर सदन में कोई सदस्य मर्यादा का उल्लंघन करे और उसपर नियमानुसार कार्रवाई हो तो सदन के बाकी वरिष्ठ सदस्य उसे समझाते थे, लेकिन आज के समय में कुछ राजनीतिक दल ऐसे ही सदस्यों के समर्थन में खड़े होकर उनकी गलतियों का बचाव करने लगते हैं। यह स्थिति संसद हो या विधानसभा, किसी के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि, 2021 में मैंने एक राष्ट्र, एक विधान मंच को लेकर आपसे बात की थी। मुझे यह जानकर खुशी है कि हमारी संसद और हमारी राज्य विधायिका अब ई- विधान और डिजिटल संसद के प्लेटफॉर्म के जरिए इस लक्ष्य पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “अमृतकाल में आज देश जिन लक्ष्यों को तय कर रहा है उनमें हर राज्य सरकार और वहां की विधानसभा की बहुत बड़ी भूमिका है। देश की प्रगति तब होगी जब राज्यों की प्रगति होगी और राज्यों की प्रगति तब होगी जब इनकी विधायिका और कार्यपालिका साथ मिलकर अपने विकास का लक्ष्य निर्धारित करेंगे।”
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