Porsche Car Case: ब्लड सैंपल अदला-बदली मामले में पुणे पुलिस को मिला सीसीटीवी फुटेज, किशोर की रिमांड 25 जून तक बढ़ी

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Porsche Car Case: ब्लड सैंपल अदला-बदली मामले में पुणे पुलिस को मिला सीसीटीवी फुटेज, किशोर की रिमांड 25 तक बढ़ी
(दुर्घटना के बाद क्षतिग्रस्त पोर्श कार) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पोर्श कार दुर्घटना से संबंधित ब्लड सैंपल की अदला-बदली के मामले में पुणे पुलिस को सफलता हाथ लगी है। यरवदा इलाके से पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें बिचौलिए अशपाक मकंदर ससून जनरल अस्पताल के कर्मचारी अतुल घाटकांबले को पैसे देते हुए दिखाई दे रहा है। पुलिस ने रिश्वत के मामले में मकंदर और घाटकांबले दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अपराध शाखा के एक अधिकारी के मुताबिक, ससून अस्पताल का कर्मचारी घाटकांबले और बिचौलिए अशपाक पोर्श कार के आरोपी चालक किशोर के ब्लड सैंपल की अदला-बदली की साजिश का हिस्सा होने का आरोपी हैं। पुलिस का दावा है कि किशोर के पिता बिल्डर विशाल अग्रवाल और ससून अस्पताल के डॉ. श्रीहरि हल्नोर के बीच बिचौलिए अशपाक मकंदर ने ब्लड सैंपल की अदला-बदली के लिए तीन लाख रुपये में डील कराई थी। विशाल ने मकंदर को तीन लाख रुपये दिए, जिन्हें लेने के लिए अस्पताल का कर्मचारी घाटकांबले यरवदा इलाके में पहुंचा था। पुलिस ने ये भी दावा किया कि किशोर के पिता द्वारा दिए गए तीन लाख रुपयों में से ससून अस्पताल के डॉ. श्रीहरि हल्नोर ने ढाई लाख स्वीकार किए, जबकि कर्मचारी घाटकांबले को 50 हजार रुपये मिले।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। हादसे में बाइक सवार दो आईटी इंजीनियरों की मौत हो गई थी। कार को कथित रूप से नशे में धुत 17 वर्षीय किशोर चला रहा था। आरोप है कि ससून अस्पताल में किशोर के रक्त के नमूने बदल दिए गए, जिससे कि यह साबित हो सके कि जब दुर्घटना हुई, उस समय किशोर नशे में नहीं था।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, पोर्श कार दुर्घटना मामले में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय किशोर को भी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने किशोर की निगरानी गृह रिमांड बुधवार को 25 जून तक बढ़ा दी है। पुणे पुलिस ने नाबालिग की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसे और 14 दिन के लिए निगरानी गृह में रखने का अनुरोध किया। वह 12 जून तक निगरानी गृह में था।

मीडिया में आई खबर के अनुसार,  पुणे पुलिस ने बोर्ड को यह भी बताया कि फिलहाल किशोर की रिहाई से मामले की जांच और अन्य संबंधित मामलों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। संबंधित मामलों में 19 मई को दुर्घटना होने के बाद लिए गए किशोर के रक्त के नमूनों का कथित तौर पर बदले जाने का मामला भी शामिल है।

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