Rajasthan News: आमागढ़ में मिला मेल लेपर्ड नकुल का शव, इलाके की जंग के लिए आपसी संघर्ष में गई जान

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Rajasthan News: आमागढ़ में मिला मेल लेपर्ड नकुल का शव, इलाके की जंग के लिए आपसी संघर्ष में गई जान
Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झालाना रेंजर जनेश्वर चौधरी ने बताया कि ट्रैक नंबर तीन पर मेल लेपर्ड नकुल का शव मिला था, जिसे वन विभाग की टीम ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शुरुआती जानकारी से पता चला है कि लेपर्ड के सिर और दाएं तरफ पेट में जख्म के निशान थे। जिसे देखने पर लगता है कि दूसरे लेपर्ड से इलाके की जंग में नकुल ने अपनी जान गंवा दी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वन विभाग की टीम ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि आसपास के इलाके में मेल लेपर्ड तारा सिंह या प्रिंस से टेरिटोरियल फाइट में नकुल को गहरी चोट लगी, जिससे घायल होकर उसने दम तोड़ दिया। नकुल जयपुर का फेमस मेल लेपर्ड था, जिसे देखने के लिए देशभर से वाइल्ड लाइफ लवर पहुंचते थे। जब से जयपुर में आमागढ़ में लेपर्ड सफारी शुरू हुई थी, उसके बाद से नकुल की साइटिंग काफी आसानी से होती थी।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बुरी खबर है। जयपुर के गलता की पहाड़ियों के पास बने आमागढ लेपर्ड रिजर्व में रविवार को एक मेल लेपर्ड का शव मिला है। वनकर्मियों को रविवार दोपहर को ट्रैक नंबर तीन पर मेल लेपर्ड नकुल का शव पड़ा मिला। शव के आसपास ही संघर्ष के निशान मिले। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि लेपर्ड का किसी अन्य लेपर्ड से संघर्ष हुआ होगा। खूनी संघर्ष में गंभीर घायल होने के बाद नकुल ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों की टीम ने लेपर्ड का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, मृत मेल लेपर्ड नकुल के सिर और पेट पर गहरे जख्म मिले हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि मेल लेपर्ड नकुल की किसी अन्य लेपर्ड के साथ जंग हुई होगी। जंग में गंभीर रूप से घायल होने के बाद नकुल बेसुध हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई होगी। आमागढ लेपर्ड रिजर्व में और भी लेपर्ड विचरण करते हैं। वन विभाग के अधिकारियों को संदेह है कि मेल लेपर्ड तारा सिंह या प्रिंस से नकुल का टकराव हुआ होगा। इस टकराव में ही उसे गंभीर चोटें लगी जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि नकुल आमागढ लेपर्ड रिजर्व की शान था। उसे देखने के लिए राजस्थान और अन्य राज्यों से भी वन्यजीव प्रेमी जयपुर आते थे। जब से आमागढ लेपर्ड सफारी शुरू हुई है तब से नकुल इसी रिजर्व में है। नकुल की साइटिंग काफी आसानी से होती थी। यही वजह है कि लोग उसे देखने के लिए बड़ी उम्मीद से पहुंचते थे और नकुल उन्हें नजर भी आता था। नकुल की मौत से वन्यजीव प्रेमियों में काफी निराशा है।

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