मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरबीआई ने बैंकों पर और नकेल कसी है। बैंकों के एजेंटों के रूप में काम करने वाले कर्ज सेवा प्रदाताओं यानी एलएसपी को उपलब्ध सभी लोन ऑफर्स की जानकारी कर्ज लेने वाले ग्राहकों को देनी चाहिए, ताकि वे सही फैसले ले सकें।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, कई एलएसपी कर्ज उत्पादों के लिए एकत्रीकरण सेवाएं प्रदान करते हैं। आरबीआई ने मसौदा पर 31 मई तक हितधारकों से राय मांगी है। इसमें कहा गया है कि ऐसे व्यक्तियों को उधार देना जो कर्जदाता के निर्णय को नियंत्रित करने या प्रभावित करने की स्थिति में हैं, चिंता का विषय हो सकता है, यदि ऋणदाता ऐसे उधारकर्ताओं से दूरी नहीं रखता है। इसमें कहा गया है कि इस तरह के उधार में नैतिक खतरे शामिल हो सकते हैं। इससे मूल्य निर्धारण और ऋण प्रबंधन में समझौता होने की आशंका है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मसौदे में प्रस्ताव है कि एलएसपी जिन भी बैंक या वित्तीय संस्थान के साथ काम कर रहा है, उधारकर्ता की जरूरतों के अनुसार उपलब्ध सभी लोन ऑफर्स को डिजिटल तरीके से मुहैया कराया जाना चाहिए। इसमें लोन ऑफर्स वाले संस्थान का नाम, कर्ज की रकम और अवधि, वार्षिक ब्याज और अन्य नियम एवं शर्तें शामिल हों।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें