Report: देश में चार साल में पहली बार घटी यूनिकॉर्न की संख्या, जानें अब कितनी रह गई

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Report: देश में चार साल में पहली बार घटी यूनिकॉर्न की संख्या, जानें अब कितनी रह गई
Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या चार साल में पहली बार घटकर 67 रह गई है। इसके बावजूद भारत ने दुनियाभर में यूनिकॉर्न का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होने का रुतबा कायम रखा है। एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली स्टार्टअप कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हुरुन की मंगलवार को जारी वैश्विक यूनिकॉर्न सूचकांक-2024 के मुताबिक, ऑनलाइन फूड डिलीवरी मंच स्विगी और फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम11 भारत की सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न हैं। इनका मूल्यांकन आठ-आठ अरब डॉलर है। इनके बाद रेजरपे का स्थान आता है, जिसका मूल्यांकन 7.5 अरब डॉलर है।

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हालांकि, भारत की दो अग्रणी यूनिकॉर्न स्विगी और ड्रीम11 वैश्विक स्तर पर सूची में 83वें स्थान हैं। शीर्ष वैश्विक यूनिकॉर्न सूची में रेजरपे 94वें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, 703 यूनिकॉर्न के साथ अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर काबिज चीन में 340 यूनिकॉर्न हैं। यूके 53 यूनिकॉर्न के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म बायजू अब यूनिकॉर्न की श्रेणी से बाहर हो गई है। एक साल पहले उसका मूल्यांकन 22 अरब डॉलर से अधिक था, जो अब भारी गिरावट के साथ एक अरब डॉलर से भी कम हो चुका है। बायजू के मूल्यांकन में आई इस कमी ने उसे दुनिया के किसी भी स्टार्टअप के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट वाली फर्म बना दिया है। हुरुन रिपोर्ट के चेयरमैन एवं मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगेवर्फ ने कहा, कुछ स्टार्टअप वास्तव में नाकाम हो जाते हैं। इस दौरान वे बड़े पैमाने पर मीडिया का ध्यान भी आकर्षित करते हैं। हालांकि, ऐसी कंपनियां अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, भारत ने अपना पहला एआई यूनिकॉर्न क्रूटिम खड़ा किया है। एआई इनोवेशन में भारत अब भी अमेरिका और चीन से काफी पीछे है। अमेरिका में 60 और चीन में 37 एआई यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। हुरुन इंडिया के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, यह स्थिति भारत के लिए महत्वपूर्ण है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, जुनैद ने कहा, 1,453 यूनिकॉर्न की सूची में भारतीय कंपनियों की संख्या में कुल गिरावट शेयर सूचकांकों पर अच्छे लाभ के बावजूद स्टार्टअप क्षेत्र में निवेश की कमी को दर्शाता है। इसके अलावा, देश के बाहर कंपनी शुरू करने की प्रवृत्ति ने भी भारत के लिए संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है। भारत के फर्म संस्थापकों ने विदेश में 109 यूनिकॉर्न शुरू किए, जबकि देश के भीतर उनकी संख्या 67 है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, दुनिया के शीर्ष-10 यूनिकॉर्न में से आठ चीन और अमेरिका से हैं। ऑस्ट्रेलिया और माल्टा से एक-एक यूनिकॉर्न इस सूची में शामिल हैं। इन 10 यूनिकॉर्न का मूल्यांकन 198 अरब डॉलर है। पिछले एक साल में दुनियाभर में यूनिकॉर्न का मूल्यांकन 45 फीसदी बढ़ा है।

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