Report: सीपीसीबी ने 80% पर्यावरण निधि का इस्तेमाल ही नहीं किया, एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में खुलासा

0
24
Report: सीपीसीबी ने 80% पर्यावरण निधि का इस्तेमाल ही नहीं किया, एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में खुलासा
(NGT) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी गई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार सीपीसीबी ने दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण की रक्षा के लिए अब तक एकत्र किए गए धन में से महज 20 प्रतिशत का ही इस्तेमाल किया है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीपीसीबी को मोटे तौर पर दो मदों पर्यावरण संरक्षण शुल्क (ईपीसी) और पर्यावरण मुआवजा (ईसी) के तौर पर फंड मिलते हैं। निकाय ने दोनों मदों के तहत एकत्र किए गए कुल 777.69 करोड़ रुपये में से केवल 156.33 रुपये ही खर्च किए हैं। सीपीसीबी ने यह रिपोर्ट 20 मार्च को सौंपी थी।

मीडिया की माने तो रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने 3 जनवरी तक पर्यावरण संरक्षण शुल्क के रूप में कुल 383.89 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। इसमें से केवल 95.4 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण, मरम्मत, स्वच्छ वायु अभियान, प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद, वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन और वैज्ञानिक संचालन के लिए खर्च किए गए हैं।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, सीपीसीबी को 30 नवंबर 2023 तक पर्यावरण मुआवजे के अपने हिस्से के रूप में राज्यों से 126.64 करोड़ रुपये और प्रदूषण फैलाने वालों से सीधे 267.16 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इनमें से क्रमशः 45.39 करोड़ रुपये और 15.5 करोड़ रुपये विभिन्न परियोजनाओं और कार्यों के लिए जारी किए गए हैं। इसमें निगरानी, जांच, क्षमता निर्माण, अनुसंधान और प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद शामिल है।

ऐसे मिलता है सीपीसीबी को फंड

⦁ वाहन डीलर/निर्माता को दिल्ली और एनसीआर में पंजीकृत 2000 सीसी और उससे अधिक इंजन क्षमता वाले नए डीजल वाहनों की एक्स-शोरूम कीमत पर एक प्रतिशत पर्यावरण संरक्षण शुल्क (ईपीसी) का भुगतान सीपीसीबी को करना होता है।

⦁ कुछ मामलों में ईपीसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार भी प्राप्त किया जाता है।

⦁ सीपीसीबी को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा एकत्र किए गए पर्यावरणीय मुआवजे का 25 प्रतिशत भी मिलता है। यह विभिन्न मामलों में प्रदूषण फैलाने वालों/डिफॉल्टरों से सीधे पर्यावरणीय दंड भी वसूल करता है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here