मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश की खुदरा मुद्रास्फीति मई में सालाना आधार पर घटकर 12 महीने के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह पिछले महीने यानी अप्रैल में 11 महीने के निचले स्तर 4.83 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2-6 फीसदी के सहिष्णुता दायरे में बना हुआ है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार क्रमिक आधार पर मुद्रास्फीति की दर मई में 0.48 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मई में खाद्य मुद्रास्फीति की दर अप्रैल के 8.75 प्रतिशत से घटकर मई में 8.62 प्रतिशत हो गई। हालांकि यह आंकड़ा मई 2023 की खाद्य महंगाई दर 3.3 प्रतिशत से अधिक है। ग्रामीण मुद्रास्फीति मई में घटकर 5.28 प्रतिशत रह गई, जो पहले 5.43 प्रतिशत थी। इस बीच, मई में शहरी मुद्रास्फीति की दर 4.15 प्रतिशत रही।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, फलों और सब्जियों की मुद्रास्फीति अप्रैल के 27.8 प्रतिशत से घटकर मई में सालाना आधार पर 27.3 प्रतिशत पर आ गई। अनाज और दालों की कीमतें जो भारत के मुख्य आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, मुद्रास्फीति की दर क्रमशः 8.69 प्रतिशत और 17.14 प्रतिशत पर आ गई। ईंधन के मामले में मुद्रास्फीति दर मई में घटकर 3.83 प्रतिशत रह गई, जबकि अप्रैल में इसमें 4.24 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कपड़े और जूते और हाउसिंग सेक्टर के लिए मुद्रास्फीति दर मई में क्रमशः 2.74 प्रतिशत और 2.56 प्रतिशत रही
मीडिया सूत्रों के अनुसार, जून की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसलों के बारे में बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि भारत की मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रही है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्रीय बैंक चाहता है कि यह प्रक्रिया क्रमिक हो और टिकाऊ आधार पर हो। एमपीसी की बैठक के बाद दास ने मुद्रास्फीति को हाथी बताया था और कहा था कि जून की बैठक के दौरान यह बहुत धीरे-धीरे जंगल में लौटता दिखा। उस दौरान, अपने अनुमानों में भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति के लक्ष्य को 4.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ दिया था। वित्त वर्ष 2024 में मुद्रास्फीति दर केंद्रीय बैंक के पूर्वानुमान के अनुरूप 5.4 प्रतिशत थी।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) अप्रैल में घटकर 5 प्रतिशत रह गई, जो तीन महीने का निचला स्तर है। मार्च में यह 5.4 प्रतिशत थी। सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अप्रैल 2023 में आईआईपी वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत दर्ज की गई। आईआईपी का पिछला उच्चतम स्तर अक्टूबर 2023 में 11.9 प्रतिशत दर्ज किया गया था, यह नवंबर में घटकर 2.5 प्रतिशत, दिसंबर में 4.2 प्रतिशत और जनवरी 2024 में 4.1 प्रतिशत दर्ज किया गया।
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