मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने शुक्रवार को ईरान को चेतावनी दी। वॉशिंगटन ने कहा कि अगर तेहरान यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए रूस को बैलिस्टिक मिसाइलें देने की योजना पर आगे बढ़ता है, प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले पश्चिमी देश उस पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाइडन प्रशासन महीनों से चेतावनी दे रहा है कि रूस ईरान से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की मांग कर रहा है। मॉस्को अपनी हथियारों की घटती आपूर्ति को फिर से भरने के लिए संघर्ष कर रहा है। अमेरिका ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि मिसाइलें ईरान से रूस भेजी गई हैं या नहीं। लेकिन अमेरिकी अधिकारी उन अधिकारियों के बयानों से चिंतित हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि जल्द दोनों देशों के बीच एक सौदा हो सकता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सात देशों का एक समूह ईरान को रूस के लिए उड़ान भरने से रोकने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रहा है। जी-7 समूह के नेताओं ने एक बयान में कहा, अगर ईरान बैलिस्टिक मिसाइल या उससे जुड़ी तकनीक रूस को मुहैया कराता है तो हम तेजी से मिलकर जवाब देने के लिए तैयार हैं, जिसमें ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाना शामिल है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने पिछले महीने कहा था कि उस पर बैलिस्टिक मिसाइल की बिक्री रोकने का कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है, लेकिन वह रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए हथियारों के लेनदेन से दूरी बनाने के लिए नैतिक रूप से बाध्य है। अमेरिका और यूरोप पहले से ही व्यापारिक, वित्तीय, उर्जा, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों तक पहुंच को सीमित करने के लिए ईरान के खिलाफ व्यापक प्रतिबंध लगाते रहे हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने जनवरी में कहा था कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रूस-ईरान का सौदा पूरा नहीं हुआ। लेकिन वे चिंतित हैं कि ईरान से मिसाइलों को हासिल करन के लिए रूस बातचीत के लिए आगे बढ़ रहा है।
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