मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साहित्य अकादमी ने साहित्योत्सव के रूप में मंगलवार को 70वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया। नई दिल्ली स्थित कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य समारोह में 24 लेखकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 प्रदान किए गए। इस मौके पर अंग्रेजी लेखिका नीलम सरन गौड़ और हिंदी उपन्यासकार संजीव सहित चौबीस लेखकों को मंगलवार को यहां साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 मिला।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें प्रख्यात ओड़िआ लेखिका प्रतिभा राय मुख्य अतिथि रहीं। उत्सव के मुख्य आकर्षण के तौर पर इस दौरान 24 भारतीय भाषाओं के लेखकों को पुरस्कृत किया गया। लेखिका प्रतिभा राय ने कहा कि साहित्य सभी को जोड़ता है। अन्य विधाओं की तरह इसमें विभाजन की बात देखने को नहीं मिलती है। लेखन हमेशा सार्वभौमिक होता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, इस कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक, उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा और सचिव के श्रीनिवासराव भी उपस्थित थे। कौशिक ने अपने कार्यों के माध्यम से ‘मानवता की रक्षा’ करने के लिए लेखकों और साहित्यकारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुरस्कृत हुए सभी रचनाकार अपनी-अपनी भाषाओं के सेनापति हैं। वे केवल सृजन ही नहीं करते, बल्कि उसका संरक्षण करना भी बखूबी जानते हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, यह पुरस्कार साहित्यिक कार्यों के लिए दिए गए, जिनमें कविता की नौ पुस्तकें, छह उपन्यास, लघु कथाएं की पांच, तीन निबंध और एक साहित्यिक अध्ययन शामिल हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कथाकार संजीव को उनके उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ के लिए और गौर को उनकी पुस्तक ‘रिक्विम इन राग जानकी’ के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। इसके अलावा समारोह में उर्दू भाषा के लिए सादिक्वा नवाब साहेर को उनकी पुस्तक ‘राजदेव की अमराई’ के लिए पुरस्कार मिला, जबकि स्वर्णजीत सावी को पंजाबी में उनकी कविता पुस्तक ‘मन दी चिप’ के लिए पुरस्कार दिया गया।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, इसके साथ ही कविता में पुरस्कार पाने वालों में विजय वर्मा (डोगरी), विनोद जोशी (गुजराती), मंशूर बनिहाली (कश्मीरी), सोरोखैबम गंभिनी (मणिपुरी), आशुतोष परिदा (उड़िया), गजे सिंह राजपुरोहित (राजस्थानी), अरुण रंजन मिश्रा (संस्कृत) और विनोद आसुदानी (सिंधी) शामिल हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, वहीं, गौड़, संजीव और सहर के अलावा, स्वप्नमय चक्रवर्ती (बंगाली), कृष्णत खोत (मराठी), और राजशेखरन देवीभारती (तमिल) जैसे लेखकों को उनके उपन्यासों के लिए सम्मानित किया गया है। लघुकथाओं के लिए, प्रणवज्योति डेका (असमिया), नंदेश्वर दैमन (बोडो), प्रकाश एस परिएंकर (कोंकणी), तारासीन बास्की (तुरिया चंद बास्की) (संताली) और टी पतंजलि शास्त्री (तेलुगु) को पुरस्कार मिला। लक्ष्मीशा तोलपाडी (कन्नड़), बासुकीनाथ झा (मैथिली) और जुधाबीर राणा (नेपाली) को उनके निबंधों के लिए पुरस्कार मिला, जबकि ईवी रामकृष्णन को मलयालम में उनके साहित्यिक अध्ययन के लिए पुरस्कार दिया गया।
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