मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सऊदी अरब में एक महिला अधिकार कार्यकर्ता मनाहेल अल-ओतैबी को महिलाओं के अधिकारों और उनके पहनावे की वकालत करने के लिए 11 साल की सजा सुनाई गई। सीएनएन ने मानवाधिकार संगठनों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। एमनेस्टी इंटरनेशनल और लंदन स्थित सऊदी अधिकार समूह एएलक्यूएसटी के मुताबिक, अल-ओतैबी को 9 जनवरी 2024 को सऊदी अरब के विशेष आपराधिक न्यायालय द्वारा ‘गोपनीय सुनवाई’ में सजा सुनाई गई, जिसका खुलासा संयुक्त राष्ट्र की जांच के कुछ हफ्तों बाद ही हुआ।
इससे पहले दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों, इन मानवाधिकार संगठनों ने साझा बयान में बताया कि अल-ओतैबी (29 वर्षीय) पर लगे आरोप कथित तौर पर उनके कपड़ों की पसंद और ऑनलाइन सक्रियता से जुड़े हैं, जिसमें सऊदी अरब की पुरुष अभिभावकता वाली प्रणाली को समाप्त करना, खुद के वीडियो साझा करना और बिना अबाया पहने बाहर जाना शामिल है। अल-ओतैबी की बहन फौजिया अल-ओतैबी को भी इसी तरह के आरोपों का सामना करना पड़ा था। 2022 में फौजिया को पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिसके बाद वह सऊदी अरब से भागने में सफल रही।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, जिनेवा में सऊदी अरब के मिशन ने जनवरी में संयुक्त राष्ट्र की जांच का जवाब दिया था। जिसमें कहा गया था कि अल-ओतैबी को एक वैध वारंट के तहत कानून के मुताबिक गिरफ्तार किया गया था और उन पर आतंकवादी अपराधों का आरोप लगा था। मिशन ने जोर देकर कहा था कि अपने अधिकारों और आजादी का इस्तेमाल करने के लिए देश में किसी भी व्यक्ति को हिरासत में नहीं लिया जाता है और देश धर्म, नस्ल, लिंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना निष्पक्ष व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के प्रचार बिसन फकीह ने अल-ओतैबी की दोषसिद्धि और सजा की निंदा की। उन्होंने इसे भयावह और क्रूर अन्याय बताया।
Image Source : Social media
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