मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी। सर्वोच्च न्यायालय ने 2022 में एक विरोध मार्च निकालने के मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में सिद्धरमैया और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर कर्नाटक सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया। गौरतलब है कि मामले में इसी महीने की शुरुआत में कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राज्य के कैबिनेट मंत्रियों एमबी पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही उन लोगों को जनप्रतिनिधि अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।अदालत ने सीएम सिद्धारमैया को छह मार्च, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर रामलिंगा रेड्डी को सात मार्च, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी आरएस सुरजेवाला को 11 मार्च को और भारी उद्योग मंत्री एमबी पाटिल को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि, ठेकेदार संतोष पाटिल बेलगावी के रहने वाले थे। वे उडुपी के एक होटल में मंगलवार को मृत पाए गए। उन्होंने पूर्व में ईश्वरप्पा पर अपने द्वारा किए गए कार्यों पर कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद मंत्री ईश्वरप्पा ने न केवल उनके आरोपों को खारिज किया था बल्कि उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया। वहीं, इस दौरान एक बात और सामने आई है कि अपने कथित व्हाट्सएप संदेश में, पाटिल ने मंत्री को उनकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार ठहराया।वर्तमान सीएम सहित कांग्रेस नेताओं ने अप्रैल 2022 में इसी मामले में केएस ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था। यह मार्च तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के घर का घेराव करने और ईश्वरप्पा के इस्तीफे को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए था। इस मार्च से कई सड़कें जाम हो गई थीं, जिससे ट्रैफिक पर काफी असर पड़ा था।
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