मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें स्पीकर ने बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को वोट देने और विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत भी नहीं दी है।
जानकारी के लिए बता दे, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने दल-बदल विरोधी कानून के तहत कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। अयोग्य घोषित किए गए विधायकों ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया, उनमें सुधीर शर्मा (धर्मशाला सीट से विधायक), रवि ठाकुर (लाहौल स्पीति), राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंदर दत्त लखनपाल (बरसार), चैतन्य शर्मा (गागरेत) और देविंदर कुमार (कुटलेहार) का नाम शामिल है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, इन नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछली सुनवाई में इनसे पूछा था कि वे हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए हैं। इस बीच, शनिवार को चुनाव आयोग ने इन विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों को रिक्त मानते हुए उपचुनाव की घोषणा कर दी है।
पहली जून को होने वाले संसदीय चुनाव के साथ इन क्षेत्रों में भी मतदान का शेड्यूल जारी किया है। अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद ही तस्वीर साफ होगी। दोनों पार्टियों ने शुरू किया मंथन, बदलनी पड़ेगी रणनीति लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के साथ ही छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव (by-election) करवाने की घोषणा हो जाएगी, इसका आभास शायद किसी को नहीं था।
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