मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्पेक्ट्रम नीलामी दूसरे दिन बुधवार को बोली शुरू होने के कुछ घंटों में ही खत्म हो गई। दो दिन की नीलामी में सरकार को सिर्फ 11,340.78 करोड़ रुपये ही मिले। यह रकम प्रस्तावित स्पेक्ट्रम के लिए अनुमानित न्यूनतम मूल्य 96,238 करोड़ रुपये का 11.78 फीसदी है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया, नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज से 26 गीगाहर्ट्ज के बीच कुल 10 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई। अनुमान है कि सात दौर की बोलियों में सिर्फ 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम ही बेचे गए हैं। नीलामी के पहले दिन 25 जून को पांच दौर की बोलियां लगाई गईं। बुधवार को ज्यादा गतिविधि नहीं हुई। इस कारण अधिकारियों ने दिन में करीब 11:30 बजे नीलामी खत्म करने की घोषणा कर दी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाजार पर्यवेक्षकों ने कम बोली की अपेक्षा की थी क्योंकि दूरसंचार कंपनियां स्पेक्ट्रम नवीनीकरण के साथ अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए रेडियो तरंगों पर चुनिंदा रूप से ध्यान दे रही हैं। पिछली नीलामी 2022 में हुई थी, जो सात दिन तक चली थी। उसमें 5जी स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई थी। स्पेक्ट्रम नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने हिस्सा लिया। भारती एयरटेल ने ताजा नीलामी में सबसे ज्यादा 6,856.76 करोड़ रुपये में 97 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा, जो कुल बिके रेडियो तरंगों का करीब 60 फीसदी है। वोडाफोन आइडिया ने करीब 3,510.4 करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई। रिलायंस जियो ने 973.62 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम हासिल किया।
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