मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्पेक्ट्रम मामले में स्पष्टीकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में विभिन्न मुकदमे लंबित हैं। इस बीच, सूत्रों ने जानकारी दी कि मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी प्रक्रिया के जरिए जारी रहेगा। जैसाकि संसद द्वारा विधिवत पारित दूरसंचार अधिनियम 2023 में अधिनियम किया गया है। उन्होंने कहा कि केवल सीमित और संकीर्ण रूप से परिभाषित मामलों में ही प्रशासनिक आधार पर स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाता है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन चुनिंदा मामलों में पुलिस संगठनों के लिए वॉकी-टॉकी, मौसम पूर्वानुमान के लिए रडार, जहाजों के लिए रड़ार और संचार और अंतरिक्ष और उपग्रह अनुप्रयोगों के लिए संचार, सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए संचार और रडार और बीएसएनएल जैसे सार्वजनिक सेवा की इकाईयां हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एक सूत्र ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन मुख्य रूप से स्पष्टीकरण के लिए हैं। संसद में दूरसंचार विधेयक पेश करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन उच्चतम न्यायालय में दायर किया गया। उन्होंने कहा कि आवेदन में शीर्ष अदालत के फैसले को बदलने के लिए नहीं कहा गया है।
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