मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका की मीडिया रिपोर्ट्स में किए जा रहे दावों का खंडन किया है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा था कि भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बीआईए) पर वीजा देने में गड़बड़ी के लिए एक भारतीय कंपनी को दोषी ठहराया गया। इसके बाद श्रीलंकाई अधिकारियों ने भी दावा किया कि कथित घटना के बाद भारतीय कंपनी ने हवाई अड्डे पर आगमन पर वीजा (वीजा ऑन अराइवल) काउंटरों को वापस ले लिया है। अब इस मामले में भारतीय उच्चायोग का कहना है कि कोलंबो हवाई अड्डे पर वीजा ऑन अराइवल प्रदान करने में कोई भी भारतीय कंपनी शामिल नहीं है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय उच्चायोग ने कहा कि हमने कोलंबो हवाई अड्डे में भारतीय कंपनियों द्वारा वीजा जारी करने का काम अपने हाथ में लेने के संबंध में सोशल मीडिया समेत अन्य रिपोर्टें और टिप्पणियां देखी हैं। इन रिपोर्ट्स में बताई गई कंपनियां न तो भारतीय हैं और न ही इनका भारत से कोई संबंध है। आगे कहा गया है कि उन कंपनियों का मुख्यालय कहीं और है। बयान में कहा गया है कि इस बारे में भारत का नाम लेना ठीक नहीं है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, बुधवार को श्रीलंका के आव्रजन अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने कोलंबो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘वीजा ऑन अराइवल’ काउंटरों का नियंत्रण वापस ले लिया है। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय कंपनी के चले जाने के बाद उन्होंने काउंटर्स का परिचालन अपने हाथ में ले लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय कंपनियां काउंटर्स का सुचारू संचालन करने में असमर्थ थी, जिस वजह से आगमन पर यात्रियों को गुस्सा आया।
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