73 वर्षीय विक्रमसिंघे को श्रीलंका के प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। ज्ञात हो कि, श्रीलंका अभी भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विक्रमसिंघे के सामने सबसे बड़ी चुनौती और अग्नि परीक्षा देश को इस संकट से निकाल कर फिर पटरी पर लाना है।
अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को, घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। उनके सामने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने तथा कई दिनों से चल रहे प्रदर्शनों के बाद कानून एवं व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं।