मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ताइवान में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां राष्ट्रपति लाइ चिंग ते देश को स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश बनाए रखना चाहते हैं, वहीं संसद में बहुमत रखने वाली नेशनलिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर ताइवान का चीन में विलय चाहती है। मंगलवार को संसद ने उस विधेयक को मंजूरी दी जो वित्तीय, सैन्य और प्रशासनिक मामलों में राष्ट्रपति की शक्तियों को घटाता है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति चिंग ते डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी से आते हैं। इस पार्टी की अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति साइ इंग वेन हैं, जिनके कार्यकाल में अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी। ताइवान की संसद के फैसले के खिलाफ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के हजारों समर्थकों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। ताइवान में राष्ट्रपति राष्ट्र और प्रशासन दोनों का प्रमुख होता है। ऐसे में संसद का फैसला टकराव पैदा कर सकता है।
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