मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू संभाग के राजोरी से लगते रियासी जिले के पौनी में रविवार शाम को श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमले के बाद राजोरी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिले के कालाकोट उपमंडल और बुद्धल तहसील के कई जंगली इलाकों की घेराबंदी कर सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू दिया है, ताकि हमला करने के बाद आतंकी इन जंगलों में पनाह लें तो उन्हें ढेर किया जा सके।
मीडिया की माने तो रक्षा सूत्रों के अनुसार, राजोरी जिले के कालाकोट के तरयाठ, मोगला और बुद्धल के कोट चढ़वाल के जंगल रियासी के पौनी से लगते हैं और इन जंगली इलाकों मे आतंकियों की मौजूदगी की पहले भी सूचनाएं मिलती रही हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुद्धल के कोट चढ़वाल, नारला, बंबल, कालाकोट के तरयाठ, मोगला ख्वास आदि ऐसे जंगली इलाके हैं, जो रियासी जिले के पौनी, शिवखोड़ी से सटे हैं और यहां तक पहुंचने के लिए बहुत कम समय लगता है। यदि आतंकी जंगली रास्ते से वाकिफ हों तो वे एक से डेढ़ घंटे के भीतर राजोरी के इन जंगलों तक पहुंच सकते हैं और इनमें बनी प्राकृतिक गुफाओं मे छिप सकते हैं।
मीडिया की माने तो सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी टीम, सीआरपीएफ और भारतीय सेना के पैरा कमांडो, राष्ट्रीय राइफल बटालियन के जवान सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने इन जंगली इलाकों को चारों ओर से घेर लिया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, सोमवार तड़के पहली किरण के साथ ही जंगली इलाकों में गहन सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। इसमें ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद भी ली जाएगी, ताकि यदि जंगलों में आतंकवादी पहुंचे हैं तो उनको ढेर किया जा सके।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, हमले के बाद शिवखोड़ी धाम की सुरक्षा बढ़ा दी गई। आधार शिविर रनसू से लेकर अन्य इलाके तक सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई। एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि शिवखोड़ी धाम पूरी तरह सुरक्षित है। आम तौर पर वहां हाई अलर्ट रखा जाता है। लगातार इलाके में चेकिंग कर सुरक्षा व्यवस्था जांची जाती है। पूरे क्षेत्र में पेट्रोलिंग भी जारी है। विलेज डिफेंस गार्ड को फायरिंग की प्रैक्टिस कराई जा रही है और उन्हें भी अलर्ट पर रखा गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रियासी आतंकी हमले में घायलों को देर रात जीएमसी जम्मू लाया गया। जहां कइयों की हालत गंभीर बताई जा रही है। आठ एंबुलेंस से 18 घायल अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। इनके अस्पताल पहुंचते ही हर तरफ चीख पुकार मच गई। एक के बाद एक एंबुलेंस से कराहते हुए घायल निकले। इनमें से कइयों को होश तक नहीं था और कई दर्द से कराह रहे थे। इनका उपचार इमरजेंसी और रिकवरी वार्ड में चल रहा है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, इसके पहले गृह सचिव चंद्रारकर भारती, मंडलायुक्त जम्मू रमेश कुमार, डीआईजी सुनील गुप्ता, एसएसपी जम्मू विनोद कुमार जीएमसी पहुंचे। कुछ घायलाें से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह इस हालत में नहीं थे कि कुछ बता सकते। उनके चेहरों पर दर्दनाक मंजर की झलक साफ दिख रही थी कि वह किस कदर डरे हुए थे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, वहीं घायलों को उपचार के लिए डाक्टरों की विशेष टीम गठित की गई है। इसके अलावा एक डिजास्टर वार्ड बनाई गई है। मंडलायुक्त ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि किसी को भी किसी तरह के उपचार के लिए कोई खर्च न करना पड़े। बता दें कि घायलों में अधिकतर ऐसे हैं, जिनको गर्दन और टांगों पर गहरी चोटें आई हुई हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, बंटी निवासी नोएडा दिल्ली, लक्ष्मी देवी निवासी नोएडा, मीरा शर्मा निवासी नोएडा, पवन निवासी जयपुर राजस्थान, ऊषा देवी निवासी जयपुर, दिनेश गुप्ता निवासी गोंडा उत्तर प्रदेश, ऊषा पांडेय निवासी बलरामपुर उत्तर प्रदेश, काजल देवी निवासी बलरामपुर उत्तर प्रदेश, मैना देवी निवासी बलरामपुर उत्तर प्रदेश, राधा देवी निवासी दिल्ली, प्रीति गुप्ता निवासी उत्तर प्रदेश, राघव निवासी दिल्ली, दीक्षा निवासी दिल्ली, आयुष गुप्ता निवासी उत्तर प्रदेश, गीता देवी निवासी उत्तर प्रदेश, संतोष कुमार निवासी उत्तर प्रदेश, शिवा वर्मा निवासी उत्तर प्रदेश, रजत राम निवासी उत्तर प्रदेश, अजय गुप्ता निवासी उत्तर प्रदेश और भवानी शंकर निवासी उत्तर प्रदेश।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में बड़े स्तर पर सेना के जवान रक्तदान करने के लिए पहुंचे। जानकारी के अनुसार सेना के 50 से 60 जवान जीएमसी पुलिस चौकी पहुंचे। ताकि घायलों को खून की जरूरत पड़ने पर उन्हें रक्त दिया जा सके। देर रात तक जवान अस्पताल में रहे और घायलों को रक्त दिया गया। वहीं जिला पुलिस लाइन से भी पुलिस और अर्धसैनिक बलों को रक्तदान के लिए भेजा गया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अमरनाथ यात्रा शुरू होने से ठीक 20 दिन पहले रियासी जिले के प्रसिद्ध शिव धाम शिवखोड़ी से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों की बस पर घात लगाकर आतंकियों की ओर से किए गए हमले के बाद बस गहरी खाई में जा गिरी। इस घटना में एक बच्चे समेत नौ यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 33 घायल हो गए।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी मरने वाले व घायल श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान के बताए जाते हैं। घटना में 6-7 यात्रियों को गोलियां लगी हैं। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना रविवार की शाम लगभग सवा छह बजे की बताई जाती है। एसएसपी रियासी मोहिता शर्मा ने नौ यात्रियों के मारे जाने तथा 33 के घायल होने की पुष्टि की है।
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