मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साथ आस्था का बड़ा केंद्र अब यूएई में भी हिंदू परचम फहरा रहा है। यहां का पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को करेंगे। 700 करोड़ की लागत से नागर शैली में गुलाबी बलुआ पत्थरों से बने इस भव्य मंदिर की ऊंचाई 108 फुट है और 402 स्तंभों पर खड़ा किया गया है। 27 एकड़ में फैले इस मंदिर में भी अयोध्या के राममंदिर की तरह ही स्टील और लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर में दो केंद्रीय गुंबद हैं, जिन्हें ‘सद्भाव का गुंबद’ और ‘शांति का गुंबद’ नाम दिया गया है। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख ने 1997 में यूएई में मंदिर की कल्पना की थी, जिसकी आधारशिला 2019 में रखी। पांच सालों में यह अद्भुत मंदिर बनकर तैयार हुआ।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंदिर के बाहरी हिस्से में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। वहीं आंतरिक भाग में इटैलियन मार्बल का प्रयोग हुआ है। 12 समरन शिखर हैं, जिसको ‘घुम्मट’ कहते हैं। सात शिखर संयुक्त अरब अमीरात के साथ अमीरातों के प्रतिनिधि हैं। 25,000 पत्थर के टुकड़ों से इसे बनाया गया है। मंदिर तक जाने वाले रास्ते के चारों ओर 96 घंटियाँ और गोमुख स्थापित हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में शिवपुराण और 12 ज्योतिर्लिंग उत्कीर्ण हैं। भगवान जगन्नाथ के मंदिर में, जगन्नाथ यात्रा/रथयात्रा अंकित है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में भागवत और महाभारत की नक्काशी की गई है। इसी तरह, भगवान स्वामीनारायण, भगवान अयप्पा को समर्पित मंदिर में उनके जीवन, कार्य और शिक्षाओं को अंकित किया गया है।
भारतीय के अलावा माया सभ्यता, एज्टेक, इजिप्ट, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यता को शामिल किया गया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, यूएई के मुस्लिम शासक शेख मोहम्मद बिन जायद ने हिंदू मंदिर के लिए भूमि दान की, जहां मुख्य वास्तुकार कैथोलिक ईसाई हैं, परियोजना प्रबंधक एक सिख थे, संस्थापक डिजाइनर एक बौद्ध हैं, निर्माण कंपनी एक पारसी समूह है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मंदिर में गोलाकार, षटकोणीय जैसे विभिन्न प्रकार के खंभे देखे जा सकते हैं, जो मंदिर को अद्वितीय बना रहे हैं। यहां एक विशेष स्तंभ है, जिसे ‘स्तंभों का स्तंभ’ कहा जाता है, इसमें लगभग 1400 नक्काशीदार छोटे स्तंभ बनाए हुए हैं। एक गुंबद में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, पौधे आदि तत्वों की नक्काशी के माध्यम से मानव सह-अस्तित्व और सद्भाव को दर्शाया गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे। इस दौरान वह राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करेंगे। वह अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। वर्ष 2015 के बाद से यह पीएम मोदी की यूएई की 7वीं यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को बताया कि पीएम मोदी व राष्ट्रपति नाहयान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा, विस्तारित व मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं के बीच आपसी हित के क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी होगा। एक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति नाहयान के निमंत्रण पर पीएम मोदी दुबई में आयोजित होने वाले वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट-2024 में सम्मानित अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। पीएम शिखर सम्मेलन में विशेष संबोधन भी देंगे। पीएम मोदी अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर (बीएपीएस मंदिर) का 14 फरवरी को उद्घाटन करेंगे।
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