मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ग्रेजुएट रूट वीजा को खत्म करने पर विचार कर रहा है। हालांकि इसके लिए ऋषि सुनक को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सुनक की पार्टी के ही कई नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। ऋषि सुनक अगर ग्रेजुएट रूट वीजा खत्म करते हैं तो इसका भारतीय छात्रों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस वीजा योजना के तहत सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों ने ही आवेदन दिया है।
मीडिया की माने तो ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ऋषि सुनक ग्रेजुएट रूट वीजा को समाप्त करने पर विचार कर रहे हैं। इस वीजा के तहत ब्रिटेन की सरकार ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाले विदेशी छात्रों को और दो वर्षों तक ब्रिटेन में रहकर काम करने की सुविधा देती है। साल 2021 में यह योजना शुरू की गई थी और इसके तहत सबसे ज्यादा आवेदन करने वाले छात्र भारतीय ही हैं। ब्रिटेन की स्वतंत्र अप्रवासन सलाहकार समिति ने दावा किया है कि इस वीजा योजना का दुरुपयोग नहीं हो रहा है और इसे जारी रखा जाना चाहिए। खासकर आर्थिक नुकसान से जूझ रहीं ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज के लिए यह योजना जारी रखी जानी चाहिए।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, सुनक सरकार में शिक्षा मंत्री गिलियन कीगन, चांसलर जेरेमी हंट और विदेश मंत्री और पूर्व पीएम डेविड कैमरन आदि उन नेताओं में शामिल हैं, जो ऋषि सुनक के ग्रेजुएट रूट वीजा को खत्म करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे नेताओं को लगता है कि इस वीजा योजना के खत्म करने के बाद विदेशी छात्रों के लिए ब्रिटिश यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करना उतना आकर्षक नहीं रह जाएगा। ब्रिटेन की कई यूनिवर्सिटीज ने भी सरकार के इस संभावित फैसले की आलोचना की है। प्रवासन पर यूके सरकार को सलाह देने वाली प्रभावशाली समिति ने पाया है कि साल 2021 से 2023 के बीच 89,200 भारतीय छात्रों को ब्रिटेन का वीजा मिला, जो कुल अनुदान का 42 प्रतिशत रहा।