UK: भारत-ब्रिटेन ने रणनीतिक वार्ता में एफटीए पर जताई प्रतिबद्धता, 2030 के रोडमैप की हुई समीक्षा

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UK: भारत-ब्रिटेन ने रणनीतिक वार्ता में एफटीए पर जताई प्रतिबद्धता, 2030 के रोडमैप की हुई समीक्षा
(सर फिलिप बार्टन और भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत और ब्रिटेन ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई। भारत और ब्रिटेन के बीच सालाना होने वाली रणनीतिक बातचीत के लिए भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ब्रिटेन दौरे पर हैं। इस दौरान क्वात्रा ने ब्रिटेन के विदेश, कॉमनवेल्थ एंड डेवलेपमेंट ऑफिस के स्थायी अवर सचिव सर फिलिप बार्टन से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सर फिलिप बार्टन ने कहा कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। साथ ही साल 2030 के रोडमैप की समीक्षा भी की गई।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सर फिलिप बार्टन ने कहा कि 2030 के रोडमैप की समीक्षा के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने माना कि जनवरी में हुई बैठक के बाद इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है। जिसके तहत दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन पर सहयोग बढ़ा है, साथ ही दोनों देशों ने जी20 की अध्यक्षता और छात्रों और उद्यमियों के लिए ज्यादा अवसर बनाने की दिशा में भी दोनों देशों ने मिलकर काम किया है। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।

मीडिया की माने तो गौरतलब है कि साल 2021 में भारत और ब्रिटेन के बीच 2030 के रोडमैप पर सहमति बनी थी। इसके तहत दोनों देश स्वास्थ्य, जलवायु, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान, तकनीक और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। एफटीए को लेकर दोनों देशों में अब तक 13 राउंड की बातचीत हो चुकी है और 14वें राउंड की बातचीत जनवरी में शुरू हुई थी। मुक्त व्यापार समझौते के तहत 26 अध्याय हैं, जिनमें सामान, सेवा, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे मुद्दों पर बात हो रही है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, एफटीए के तहत भारतीय उद्योग की मांग है कि इसके आईटी और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को ब्रिटेन में ज्यादा मौके मिलें, साथ ही कई सामान पर भारत चाहता है कि ब्रिटेन कस्टम ड्यूटी में भी छूट दे। वहीं ब्रिटेन भी स्कॉच व्हिस्की, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, चॉकलेट, मांस और कुछ खाद्य सामानों पर कस्टम ड्यूटी से राहत दे। साथ ही ब्रिटेन, भारत में संचार, कानूनी और वित्तीय सेवाओं में भी अपने पैर पसारने के लिए राहत चाहता है। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 17.5 अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 20.36 अरब डॉलर हो गया है।

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