Ukraine Peace Summit: ‘स्थायी शांति के प्रयासों के लिए सभी पक्षों से संपर्क बनाए रखेगा भारत’, MEA का बयान

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Ukraine Peace Summit: 'स्थायी शांति के प्रयासों के लिए सभी पक्षों से संपर्क बनाए रखेगा भारत', MEA का बयान
(विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को स्विट्जरलैंड की मेजबानी में आयोजित यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन के उद्घाटन और समापन सत्र में भाग लिया। इसके बाद विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारे सतत दृष्टिकोण के अनुरूप भारत ने शांति शिखर सम्मेलन में भागीदारी की। मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव की जरूरत है। एमईए ने कहा कि भारत स्थायी शांति लाने के प्रयासों में योगदान देने के लिए सभी हितधारकों और दोनों पक्षों (रूस-यूक्रेन) के साथ संपर्क बनाए रखेगा। भारत ने सम्मेलन से निकलने के परिणामी दस्तावेज से खुद को नहीं जोड़ा है।  यूक्रेन में शांति लाने के लिए स्विटजरलैंड में हुए स्विस सम्मेलन में 80 देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता ही किसी भी शांति समझौते का आधार होनी चाहिए। दो दिनों तक स्विटजरलैंड के बर्गेनस्टॉक रिजॉर्ट में आयोजित हुए इस सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सम्मेलन में पश्चिमी देशों के 100 के करीब प्रतिनिधि शामिल हुए। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों में भारत, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और यूएई भी शामिल रहे। हालांकि इनके प्रतिनिधियों ने अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए और इन देशों का फोकस परमाणु सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान पर ही रहा। ब्राजील इस सम्मेलन में बतौर ऑब्जर्वर देश के तौर पर शामिल हुआ, लेकिन उसने भी अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए। वहीं तुर्किए ने हस्ताक्षर किए। सम्मेलन में जो अंतिम या कहें कि संयुक्त दस्तावेज तैयार किया गया है, उसमें कहा गया कि यूएन चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। इसके बाद ही यूक्रेन में स्थायी तौर पर शांति आ सकती है। सम्मेलन का आयोजन करने वाली स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने कहा कि ‘अधिकतर देश संयुक्त दस्तावेज पर सहमत हैं। ये दिखाता है कि कूटनीति क्या कर सकती है।’ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी सम्मेलन को लेकर खुशी जताई और शांति के प्रयासों की सराहना की। इस सम्मेलन में रूस के सहयोगी देश चीन ने भी अपना प्रतिनिधि नहीं भेजा था।

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