मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने एक बार फिर इस्राइल-फलस्तीन विवाद पर अपना रुख साफ किया और कहा कि ‘दो राष्ट्र सिद्धांत ही दोनों देशों के बीच विवाद का समाधान कर सकता है। रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत, दो राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। तभी फलस्तीन के लोग सुरक्षित सीमाओं के साथ आजादी से रह सकेंगे। साथ ही इस्राइल की सुरक्षा चिंताओं का भी समाधान हो सकेगा।’
जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में मेंबरशिप के लिए फिलिस्तीन एप्लिकेशन अप्रूव न होने के मुद्दे को भारत ने UNGA ब्रीफिंग में उठाया. भारत ने कहा कि हमारे नोटिस में आया है कि फिलिस्तीन की सदस्यता के लिए मेंबरशिप की एप्लिकेशन को सिक्योरिटी काउंसिल ने वीटो की वजह से अप्रूव नहीं किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी एप्लिकेशन पर फिर से विचार किया जाए.
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, UN में भारत ने कहा कि इजरायल पर 7 अक्टूबर को होने वाला हमला बहुत ही हैरान कर देने वाला था. आतंकवाद और बंधक बनाने के लिए उचित नहीं ठहराया जा सकता. भारत हमेशा ही आतंकवाद के खिलाफ रहा है. भारत ने कहा कि हमारी मांग है कि सभी बंधकों को बिना किसी शर्त के रिहा किया जाना चाहिए. साथ ही गाजा में बड़े स्तर पर तत्काल मानवीय मदद पहुंचाई जानी चाहिए. इसके लिए उन्होंने सभी से एक साथ आने की अपील की.
मीडिया के अनुसार, इससे पहले भी भारत गाजा में पैदा हुए मानवीय संकट पर चिंता जता चुका है. UNGA ब्रीफिंग में UN में भारत की स्थायी सदस्य रुचिरा कंबोज ने कहा था कि भारत गाजा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष से परेशान है. इजरायल और गाजा के बीच चल रहे संघर्ष में बड़े स्तर पर आम नागरिकों, खासकर महिलाओं और बच्चों की जानें गई हैं, इसे लेकर भारत चिंतित है. यह इंसानियत पर संकट जैसा है. इसके साथ ही उन्होंने गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने पर भी जोर दिया था.
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