मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर मतदान के लिए तैयार है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शक्तिशाली नई तकनीक सभी देशों को लाभान्वित करे, मानवाधिकारों का सम्मान करे और सुरक्षित, संरक्षित व भरोसेमंद साबित हो। इस प्रस्ताव का प्रायोजक अमेरिका है।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, उसने कहा, उम्मीद है कि विश्व निकाय इसे आम सहमति से अपनाएगा और यूएन के सभी 193 देश इसका समर्थन करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा कि यदि प्रस्ताव अपनाया गया तो यह एआई के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा। उन्होंने कहा, यह संकल्प एआई के विकास-इस्तेमाल में सिद्धांतों के आधारभूत सेट के लिए वैश्विक समर्थन का प्रतिनिधित्व करेगा।
जानकारी के के लिए बता दे, अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र में लाया जाने वाला प्रस्ताव एआई विकास व उपयोग में तेजी को मान्यता देता है। यूरोपीय संघ के सांसदों ने 13 मार्च को दुनिया के पहले व्यापक एआई नियमों को अंतिम मंजूरी दे दी है, जो कुछ अंतिम औपचारिकताओं के बाद मई या या जूने तक प्रभावी हो जाएंगी। अमेरिका और चीन सहित दुनिया भर के देश तथा 20 प्रमुख औद्योगिक देशों का समूह भी एआई नियम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिकी एनएसए ने बताया कि अमेरिका ने एआई की तेजी से आगे बढ़ने वाली प्रौद्योगिकी के निहितार्थों को प्रबंधित करने के तरीके पर वास्तव में वैश्विक बातचीत करने के लिए महासभा का रुख किया है।
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