मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में एक प्रस्ताव लाया गया। इसमें गाजा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया गया। प्रस्ताव में यह भी मांग की गई थी कि गाजा पट्टी पर इजरायल तुरंत अपनी अवैध नाकेबंदी हटा ले। जिनेवा स्थित परिषद द्वारा पूर्वी यरुशलम सहित फलस्तीन में मानवाधिकार की स्थिति और जवाबदेही सुनिश्चित करने को लेकर मसौदा प्रस्ताव लाया गया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव के पक्ष में 26 वोट डाले गए जबकि छह वोट इसके खिलाफ पड़े। मतदान के दौरान 13 देशों ने दूरी बनाए रखी। जिनमें भारत, फ्रांस, जापान, नीदरलैंड और रोमानिया समेत अन्य देश शामिल हैं। इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वालों में अर्जेंटीना, बुल्गारिया, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल थे। इसके अलावा बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, कुवैत, मलेशिया, मालदीव, कतर, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम जैसे देशों में प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, यूएनएचआरसी के प्रस्ताव में मांग की गई कि पूर्वी यरुशलम सहित 1967 से कब्जा किए गए फलस्तीनी क्षेत्र पर इस्राइल अपना कब्जा खत्म करे। प्रस्ताव में इस बात पर भी जोर दिया गया कि इस्राइल-फलस्तीनी संघर्ष को समाप्त करने के सभी प्रयास अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के अंतर्गत किए जाने चाहिए।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव में गाजा में तत्काल युद्धविराम, तत्काल आपातकालीन सहायता पहुंचाने और बुनियादी आवश्यकताओं की तत्काल बहाली का भी आह्वान किया गया। इसमें मांग की गई कि इस्राइल द्वारा गाजा पट्टी पर अपनी अवैध नाकाबंदी और अन्य सभी प्रकार की घेराबंदी को तत्काल हटाया जाए।
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